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450 मिनिस्टीरियल कर्मचारी हड़ताल पर, दफ्तरों में काम ठप

मिनिस्टीरियल स्टाफ द्वारा अपनी डी.ऐ की कम रकम मिलने, छठे वेतन आयोग को लागू करने, जनवरी 2004 से भर्ती हुए मिनिस्टीरियल स्टाफ को पैंनश्न का प्रावदान एंवम अन्य मांगों के चलते कलम छोड हडताल कर रोष प्रदर्शन शुरु किया गया है। और यह रोष प्रदर्शन 15 फरवरी तक चलेगा। जिसके चलते आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। यही नहीं

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 02:19 AM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 02:19 AM (IST)
450 मिनिस्टीरियल कर्मचारी हड़ताल पर, दफ्तरों में काम ठप
450 मिनिस्टीरियल कर्मचारी हड़ताल पर, दफ्तरों में काम ठप

जागरण संवाददाता, कपूरथला : मिनिस्टीरियल स्टाफ कर्मियों की ओर से डीए की कम राशि मिलने, छठे वेतन आयोग को लागू करने, जनवरी 2004 से भर्ती हुए मिनिस्टीरियल स्टाफ को पेंशन का प्रावधान एवं अन्य मांगों को लेकर कलम छोड़ हड़ताल व रोष प्रदर्शन शुरू किया गया है। हड़ताल 15 फरवरी तक चलेगा। इसके चलते आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं 16 ओर 17 फरवरी को पंजाब सरकार के कार्यालयों में छुट्टी के चलते सभी कार्य 18 फरवरी तक स्थगित हो गए है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

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कपूरथला के मिनिस्टीरियल स्टाफ के अध्यक्ष सतबीर ¨सह ने बताया गया कि सरकार की ओर से मिनिस्टीरियल स्टाफ को मात्र छह प्रतिशत डीए ही दिया जा रहा है ओर वह भी काफी विलंब से। इसी प्रकार छठे वेतन आयोग को अभी तक पूर्ण रुप से लागू नही किया गया है जिसके चलते कपूरथला जिले के करीब 450 कर्मचारी कलम छोड़ हडताल पर चल रहे है। यही नही आगामी दिनों में सचिवालय के कर्मचारी भी इस हडताल में शामिल हो जाएंगे।

कपूरथला के प्रशासनिक कांप्लेक्स में बुधवार को मिनिस्टीरियल स्टाफ पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहे और किसी भी मिनिस्टीरियल स्टाफ के कर्मचारी की ओर से कोई भी काम नही किया गया।

दफ्तरों में काम करवाने को आए लोग बैरंग लौटे

वहीं प्रशासनिक कांप्लेक्स में सैंकडों व्यक्ति अपने काम करवाने के लिए आए थे लेकिन हडताल के चलते उनकों निराशा होकर खाली हाथ लौटना पड़ा। उल्लेखनीय है कि कपूरथला जिले के प्रशासनिक कांप्लेक्स में रोजाना करीब 700 व्यक्ति रोजाना अपने कार्य करवाने के लिए आते हैं जिसमें डिप्टी कमिश्नर, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर, एसडीएम, तहसीलदार, डीआरओ आदि के कार्यालय शामिल है। मिनिस्टीरियल स्टाफ के हड़ताल पर जाने के कारण जहां तहसीलदार एवं एसडीएम की अदालत में केसों की सुनवाई स्थगित कर दी गई जिससे फैसले के लिए तय केसों में लोगों को काफी निराशा हासिल हुई। यही नही लोगो को रोजमर्रा के कामों में लगने वाले एफीडेविट तसदीक करवाने के लिए भी निराशा जनक लौटना पड़ा। अदालतों में जमानत के लिए जरुरी कागजात के रुप में फर्द जमाबंदी की नकल न मिलने से भी लोगों को काफी निराशा हुई।

स्टाफ की कमी के कारण नहीं हुआ काम : जोरा सिंह

जोरा ¨सह ने बताया कि उन्हें अपने किसी परिचित व्यक्ति के लिए अदालत में जमानत के लिए अपनी फर्द को तहसील आफिस से तसदीक करवाना था। परंतु स्टाफ की हड़ताल के कारण उनका यह काम पांच दिन बाद ही हो पाएगा। जिसके चलते जिस व्यक्ति की जमानत उन्हेांने देनी थी वह अब ओर समय जेल में व्यतीत करना पडेगा। जो कि उसके परिवार के लिए एक दंड से कम नही है।

शराब के लिए नहीं मिला परमिट : राजिंदर सिंह

इसी प्रकार रजिन्द्र ¨सह ने बताया कि उनके रिश्तेदार का शादी का समारोह है, जिसके चलते उन्हें एक्साईज विभाग से शराब के लिए परमिट लेना था। परंतु अब हड़ताल के चलते उनका यह काम अधूरा ही रह गया है। अब वह अपने समारोह के लिए शराब का प्रबंध नही कर पाएंगे।

लोन के लिए नहीं बना सका दस्तावेज : सरबजीत

इसी प्रकार सरबजीत ¨सह ¨थद ने बताया कि उन्हें अपने बच्चे को विदेश पढने के लिए भेजना है जिसके चलते उन्हें बैंक से लोन प्राप्त करना है परंतु लोन प्राप्त करने के लिए संबंधित दस्तावेज तहसील आफिस से तैयार नही हो सके। जिसके चलते उनकों काफी निराशा हुई है।जिससे उनके बच्चे का भविष्य प्रभावित हो रहा है।


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