करोड़ों के बैंक घोटाले में नामजद रिटायर्ड तहसीलदार ने किया सेरेंडर
जुलाई 2016 में सामने आए स्टेट बैंक आफ पटियाला सुल्तानपुर लोधी के करीब 19 करोड़ 54 लाख के लोन घोटाले के मामले में गलत रजिस्ट्री करने के मामले को लेकर नामजद उस समय के तहसीलदार रिटायर्ड मोहन लाल की हाईकार्ट से जमानत अर्जी खारिज होने पर उसने विजीलैंस् विभाग कपूरथला में आत्म समर्पण कर दिया है।गौरतलब है कि 2016 में स्टेट बैंक आफ
संवाद सहयोगी, कपूरथला : जुलाई 2016 में स्टेट बैंक आफ पटियाला सुल्तानपुर लोधी में हुए करीब 19 करोड़ 54 लाख के लोन घोटाले के मामले में गलत रजिस्ट्री करने के मामले को लेकर नामजद उस समय के तहसीलदार रिटायर्ड मोहन लाल की हाईकार्ट से जमानत अर्जी खारिज होने पर उसने विजीलेंस विभाग कपूरथला में सेरेंडर कर दिया है। गौरतलब है कि 2016 में स्टेट बैंक आफ पटियाला के करोड़ों के घोटाले के मामले में विजीलेंस कपूरथला की टीम की ओर से सुल्तानपुर लोधी के पूर्व एमसी व तहसीलदार सुल्तानपुर लोधी अष्टाम फरोश का काम करने वाले तिलक राज पुत्र जगदीश राज व उसके साथ काम करने वाले मुकेश कुमार पुत्र ज्वाला प्रसाद को पहले ही काबू किया जा चुका है। विजीलेंस विभाग की टीम के ओर से अब तक 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले काबू किए गए 12 आरोपितों को अदालत की ओर से जमानत मिल चुकी है।
इस करोड़ों रुपये के घोटाले में विजीलेंस विभाग की ओर से 107 फाइलों की जांच की जा रही है। विजीलेंस विभाग की ओर से 2013 से लेकर 30 अप्रैल 2016 तक लोन की 14 फाइलों का रिकार्ड खंगालने के बाद 15 करोड़ 83 लाख के घोटाले का मामला सामने आया था। इस संबंध में हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने पर उस समय के सुल्तानपुर लोधी के नायब तहसीलदार मोहन लाल ने खुद सेरेंडर कर लिया जबकि नायब तहसीलदार मोहन लाल 2017 में रिटायर्ड हो चुके हैं।
मामले की जांच जारी, आरोपितों पर होगी कार्रवाई : डीएसपी
इस संबंध में डीएसपी विजीलेंस कपूरथला करमबीर ¨सह चाहल का कहना है कि विजीलेंस विभाग की इस मामले को लेकर जांच कर रही है। मामले में जो आरोपित है उन्हें जल्द काबू कर ही जेल भेजा जाएगा।