आरसीएफ में तैयार हाई कैपेसिटी एलएचबी पार्सल वैन रवाना
रेल कोच फैक्ट्री में 130 किलो मीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली पहली हाई कैपेसिटी एलएचबी पार्सल वैन का निर्माण किया है।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : रेल कोच फैक्ट्री में 130 किलो मीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली पहली हाई कैपेसिटी एलएचबी पार्सल वैन का निर्माण किया है। इस वैन की 24 टन की कुल भार वहन क्षमता है। वीरवार को रेलवे बोर्ड नई दिल्ली के रोलिग स्टाक सदस्य राजेश अग्रवाल, रेलवे बोर्ड के यातायात सदस्य पूर्णेंदु एस मिश्रा एवं आरसीएफ के महाप्रबंधक रवींद्र गुप्ता की मौजूदगी में रवाना किया गया।
महाप्रबंधक रवीन्द्र गुप्ता ने बताया कि पार्सल वैन ने सफलता पूर्वक ऑसीलेशन ट्रायल पूरा किया है। इसे भारतीय रेल की संस्थान आरडीएसो द्वारा 130 किलोमीटर की स्पीड के लिए गति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। पार्सल वैन की कुल वहन क्षमता 24 टन और वॉल्यूम कुल 187 घन मीटर है। उन्होंने ने बताया कि चौड़े सामान को ले जाने के लिए फोल्डेबल 2 टियर लगेज रैक उपलब्ध करवाए गए हैं। इन कोचों में तीन खुलने और बंधने वाले तथा विभाजन वाले हिस्से है और चार स्लाइडिग दरवाजे हैं। वैन में छोटे पार्सल के लिए 32 फोल्डेबल 2 टीयर लगेज रैक हैं ।
उन्होंने बताया कि डिब्बे का इंटीरियर पैनल स्टेनलेस स्टील का है और इसमें 140 केएन एयर सस्पेंशन लगे हुए हैं। इसमें एक्सिल माउंटिड डिस्क ब्रेक और ट्रांजिशन स्क्रू कपलिग युक्त एंटी क्लाइम्बिग सीबीसी कपलर लगाए गए हैं। डिब्बे के भीतर आग को बुझाने के लिए फायर बॉल भी हैं। पार्सल वैन में फायर रिटारडैंट प्रकार की एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। इस डिब्बे की विशेषता है की इसे गाड़ी के रेक में आगे, पीछे या मध्य कहीं भी किसी भी पोजीशन में जोड़ा जा सकता है।
उन्होने कहा कि यह पहला कोच है जिसे एक वर्ष के भीतर डिजाइन, निर्माण और लांच किया गया है। आरसीएफ चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 100 ऐसे पार्सल वैन बनाने की प्रक्रिया में है। पार्सल वैन रेलवे के लिए पार्सल यातायात व्यापार के माध्यम से राजस्व पैदा करेगी।
जीएम गुप्ता ने बताया कि पार्सल वैन के सफल निर्माण के बाद अब, रेल कोच फैक्टरी 160 किलोमीटर गति से चलने वाली 210 घन मीटर क्षमता युक्त ई-कामर्स पार्सल वैन के विकास तथा निर्माण के लिए प्रयासरत है। इस डिब्बे में पे लोड दर्शाने वाला लोड सैल और जीपीएस ट्रेकर भी लगा होगा। इस मौके पर आर. के. मंगला, प्रमुख मुख्य यांत्रिक अभियंता आरसीएफ, नितिन चौधरी मुख्य गुणवत्ता प्रबंधक आरसीएफ और अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी भी उपस्थित थे।