उद्यमी बोले- जीएसटी दर कम किया जाए
बजट को लेकर उद्योगपतियों को कई उम्मीदें हैं।
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जागरण संवाददाता, कपूरथला : वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान शानदार ग्रोथ नजर आई है और देश फिर से विकास की राह पर अग्रसर है। अगर सरकार रिफार्म बनाए रखती है तो इससे 2022 में भी रिकवरी तेज होगी। स्टार्टअप गतिविधियों और सरकार के राहत पैकेज से देश में ईज आफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने, कर संरचना को सरल बनाने और लैंड-लेबर ला में सुधार से ईज आफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में सरकार इन उम्मीदों को कायम रखने का काम करेगी। कोरोना के चलते ज्यादातर क्षेत्रों के कर्मचारी वर्क फ्राम होम कर रहे हैं। ऐसे में उनका इलेक्ट्रिक, इंटरनेट चार्ज, किराया, फर्नीचर आदि पर खर्चा बढ़ गया है। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया ने भी वर्क फ्राम होम के तहत घर से काम करने वालों को अतिरिक्त टैक्स छूट देने का सुझाव दिया है।
परविदर सिंह आर्किटेक्ट, कपूरथला।
कोरोना के चलते बीते दो साल में हेल्थ सेक्टर पर काफी फोकस बढ़ा है। बजट 2022 से उम्मीदें है कि लाइफ इंश्योरेंस को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी से बाहर किया जा सकता है और इंश्योरेंस सेक्टर के लिए कोई एक लिमिट बढ़ाई जा सकती है। लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम इंश्योरेंस दोनों को नई कैटेगरी के तहत जोड़ा जा सकता है या फिर 80सी की लिमिट का ओवरआल बढ़ाया जा सकता है।
अनिल संग्गड़, कारोबारी, कपूरथला।
बजट में सरकार का ज्यादा जोर देश के करदाताओं पर रहने की संभावना है क्योंकि पिछले कई बजट में करदाताओं के लिए कोई नई घोषणा नहीं की गई है। इस बार के बजट में इंश्योरेंस, मेडिक्लेम प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी कम करने की उम्मीद भी करदाताओं को है। इस मांग को सरकार की ओर से बजट 2022 में शामिल किया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि सरकार बीमा प्रीमियम पर लगाए जा रहे 18 फीसदी जीएसटी को कम करेगी।
अनूप कलहन, उद्योगपति, कपूरथला।
गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आनलाइन कर्ज देने वाली कंपनियों (फिनटेक) को इस साल बजट में कर राहत मिलने की उम्मीद है। कंपनियों का कहना है कि तरलता प्रवाह बढ़ाने के उपाय, खुदरा क्षेत्र में काम करने वाली एनबीएफसी के लिए कम लागत वाली फंडिग के साथ-साथ जीएसटी और टीडीएस पर छूट की शुरुआत बजट में होनी चाहिए।
तजिदर सिंह सहाय, उद्योगपति, कपूरथला।
घरेलू आटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश के कुल जीडीपी में आटोमोबाइल सेक्टर का योगदान 7.5 प्रतिशत है, जबकि यह प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर 10 लाख लोगों को रोजगार देता है। इस क्षेत्र को नए निवेश के लिए तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहन चाहिए। खास तौर पर आटोमोबाइल सेक्टर में एक समान टैक्स लगाने की व्यवस्था भी लागू करने की मांग हो रही है। ऑटोमोबाइल सेक्टर ईवीएस के पक्ष में है।
शाम सुंदर अग्रवाल, कारोबारी, कपूरथला।