आज सैनिक स्कूल पहुंचेंगे उत्तराखंड के गर्वनर
उत्तराखंड के गवर्नर आज सैनिक स्कूल कपूरथला में अल्ड ब्याय मीट में शामिल होंगे।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला
परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल व अति विशिष्ट सेवा मेडल सहित कई सम्मान हासिल करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह आज सैनिक स्कूल कपूरथला पहुंचेंगे। बचपन में सेना में कैप्टन बनने का सपना लेकर सैनिक स्कूल कपूरथला में शिक्षा हासिल करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह कड़ी मेहनत, मजबूत इरादों, लगन एवं बहादुरी के चलते लेफ्टिनेंट गर्वनर के पद तक ही नही बल्कि उत्तराखंड के गवर्नर के पद पर पहुंच कर अपने परिवार एवं सैनिक स्कूल का नाम रोशन किया है। वह रविवार को ओल्ड ब्वाय मीट में मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत करने कपूरथला पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह अपने पुराने अध्यापकों एवं दोस्तों से मुलाकात करेंगे तथा पुरानी यादों को ताजा करेगे। वह अपने क्लासरुम व होस्टल का भी दीदार करेंगे। गर्वनर गुरमीत सिंह अपनी तमाम उपलब्धियों का श्रेय सैनिक स्कूल कपूरथला को देते हैं।
सेना में कैप्टन बनना चाहते थे गुरमीत सिंह
जिला अमृतसर के महिता चौक के पास स्थित गांव जलाल उसमा में पिता सूबेदार महेद सिंह के घर जन्म लेने वाले गुरमीत सिंह का बचपन में एक ही सपना भारतीय फौज में कैप्टन बनने का था। घर में सैन्य माहोल होने की वजह से गुरमीत सिंह ने 1967 को छठी क्लास के लिए सैनिक स्कूल कपूरथला में दाखिला ले लिया। गुरमीत सिंह को स्कूल में 988 रोल नंबर मिला और साइकेपियन में यह रोल नंबर एक लेबल की तरह हमेशा उनके नाम के साथ चिपका जाता है।
सैनिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान सरोजनी व टैगोर हाउस में रहते हुए उन्होंने दोस्तों के साथ कई शरारतें भी की लेकिन पढ़ाई से कभी ध्यान भटकने नही दिया। जवाहर धवन उनके स्कूली साथियों में काफी करीब थे। पुरी सर एवं आहलूवालिया आदि अध्यापकों की डाट ने उन्हें हमेशा जिदगी में उच्च मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
सफलता में सैनिक स्कूल का योगदान अहम
दैनिक जागरण के साथ बात चीत दौरान लेफ्टीनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बताया कि वह आज जो कुछ भी उसमें उनके स्कूल का सबसे बड़ा योगदान है। उनके स्कूल में राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह आए थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनसे मिला पुरस्कार जिदगी में हमेशा उत्साहित करता रहा। गुरमीत सिंह की बेटी रुप प्रीत कौर शादीशुदा है। बेटा अमनप्रीत सिंह नेवी में है और बहू गुरमीत कौर भी उच्च पद पर आसीन है।
चीन और पाकिस्तान के मामलों में विशेषज्ञ माने जाते हैं गुरमीत सिंह
लैफटीनैट जनरल गुरमीत सिंह भारत, चीन व पाकिस्तान मामलों के अक्सपर्ट माने जाते है। उन्हें एंटी टैरारिज्म का विशेषज्ञ समझा जाता है। भारतीय सेना की तरफ से शांति वार्ता के लिए वह दो बार पाकिस्तान जा चुके है और सात बार चीन गए है। इंडो चायना रिलेशन पर वह रिसर्च फैलोशिप हैं।