भगवान वाल्मीकि की शिक्षाओं को जीवन में अपनाएं : नरेश
भगवान वाल्मीकि जयंती पर विश््व हिंदू परिषद ने समारोह करवाया
संवाद सहयोगी, कपूरथला : भगवान वाल्मीकि के जीवन के संदेश को समझना और जीवन में उतारना समय की मांग है। उन्होंने संप्रदाय और जाति से दूर सभ्य समाज की परिकल्पना दी। यह बात विश्व हिंदू परिषद जालंधर विभाग के अध्यक्ष नरेश पंडित ने गोशाला में वाल्मीकि जयंती पर सामाजिक समरसता के रूप में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। नरेश पंडित ने कहा कि कुछ लोग जाति का भेदभाव फैलाकर समाज में जहर घोलने का कार्य कर रहे हैं। इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र है जिसे समाज को पहचानना होगा। उन्होंने बताया कि महर्षि वाल्मीकि केवल रामायण के रचेता ही नही वरन आदि कवि भी हैं। विश्व हिदू परिषद ने 1969 में कर्नाटक के उड़प्पी में हिदू समाज के प्रमुख संतों एवं धर्माचार्यों के साथ मिलकर भेदभाव को समाप्त करने हेतु तीन दिवसीय कार्यक्रम किया था। तब से लेकर आज तक विश्व हिदू परिषद इस प्रकार के विषयों को लेकर समाज के बीच जाता रहा है ताकि समाज के बीच फैली इस विषमता को समाप्त किया जा सके। नरेश पंडित ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ही वह पुण्यात्मा थे जिन्होंने प्रभु श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के रूप में समाज में स्थापित किया। बजरंग दल के नगर अध्यक्ष चंदन शर्मा एवं उपाध्यक्ष अंकित पंडित ने कहा कि आदिकवि महार्षि वाल्मीकि किसी एक समाज के नहीं अपितु पूरे देश के गुरु है। इस अवसर पर राजा राम, सुशील कुमार, रामानंद यादव, रोमी सिंह, करण कौड़ा, राजन शर्मा, अंकित शर्मा, राज कुमार यादव आदि उपस्थित थे।