गिद्दड़पिडी पुल से मिट्टी निकालने का काम पूरा होने पर खत्म होगा बाढ़ का खतरा : सीचेवाल
सतलुज की सफाई के लिए संत सीचेवाल प्रयासरत हैं।
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : साल 2019 में सतलुज दरिया में आई बाढ़ के चलते 30 हजार एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई थी। सतलुज दरिया से मिट्टी निकालने की कार सेवा के साथ धुस्सी बांध 52 किलोमीटर तक मजबूत हुआ है। कार सेवा के चलते अकाल पुरख का शुकराना करने के लिए रखे गए श्री अखंड पाठ के भोग डाल कर पंजाब की चढ़ती कला के लिए अरदास की गई। समागम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के अलावा संत अमरीक सिंह खुखरैण, बाबा गुरमेज सिंह सैदराना साहब, संत लीडर सिंह के सेवक, एसडीएम शाहकोट संजीव कुमार, तहसीलदार प्रदीप कुमार, जागता पंजाब संस्था की तरफ से लोग गायक पमी बाई, अमरजीत सिंह ग्रेवाल वाइस चांसलर पीटीयू, गुरदासपुर के पूर्व डीसी करमजीत सिंह सराय और कांग्रेस के विधायक हरदेव सिंह लाडी, शिरोमणी अकाली दल के नेता सज्जन सिंह चीमा, आम आदमी पार्टी के रत्न सिंह काकड़कलां, बाढ़ रोको समिति के प्रधान कुलविंदर सिंह, सरपंच जोगा सिंह चक्कचेला, सरपंच तजिदर सिंह सीचेवाल, हरजीत सिंह, बलकार सिंह नंबरदार समेत और नेता भी उपस्थित थे।
अरदास के बाद संपन्न हुए भोग के पश्चात संगत सीचेवाल ने कहा कि हरि मनि तनि बसिया सोई, जय जय कारु करे सभु कोई, यह जो गुरु महाराज जी ने अपना हुकनामा संगत को बक्शा है वह अमूल्य है। उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी सतलुज दरिया की कार सेवा में योगदान डाला है उनकी जय जय कार हो रही है। बाढ़ से बचाव के लिए इलाके के लोगों व और विदेशों में बैठे पंजाबियों ने धुस्सी बांध को मजबूत करने के लिए एकजुट हो कर काम किया था। बाढ़ रोको समिति ने ध्यान में लाया था कि गिद्दड़पिडी पुल के नीचे जमा मिट्टी को साफ करने की जरूरत है। डीसी जालंधर और एसडीएम शाहकोट के साथ बातचीत कर कहा गया कि बांध मजबूत करने की अपेक्षा भी गिद्दड़पिडी पुल के तह को साफ करने की भी जरूरत है। अगर मिट्टी न निकाली गई तो फिर से बाढ़ का खतरा है। पुल के दरों की गेज 19 फुट तक लिखी है परंतु पानी निकलने के लिए तीन फुट भी जगह नहीं बची थी। साल 2019 से ही मिट्टी निकालने की कार सेवा जारी है। सतलुज दरिया की सेवा में प्रशासन की तरफ से इमानदारी के साथ सहयोग दिया गया है। बाढ़ रोको समिति ने जो नियम बनाऐ हैं उनके अनुसार ही काम किया जा रहा है। मिट्टी न बेची जा रही है और न ही किसी के पास से पैसे लिए जा रहे हैं। जो साधन ढुलाई कर रहे हैं। उस का तेल खर्च मिट्टी डलवाने वाली संगत दे रही हैं। संत सीचेवाल ने सभी सेवकों, इलाका निवासियों और एनआरआइ का धन्यवाद किया।