मिलावटखोरी के खिलाफ उपभोक्ता कमिशन में दायर करें याचिका : मित्तल
उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 में बदलाव किए गए हैं।
संवाद सूत्र, फगवाड़ा : उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 में बड़े बदलाव किए गए हैं। नया उपभोक्ता कानून 20 जुलाई से पूरे देश में लागू होने जा रहा है। यह बात जिला उपभोक्ता अदालत कपूरथला और जालंधर के पूर्व प्रीजाइडिंग सदस्य सुरिंदर मित्तल ने कही। उन्होंने बताया कि जिला उपभोक्ता अदालत का नाम बदल कर जिला उपभोक्ता कमिशन कर दिया गया है। उपभोक्ता अपने निवास स्थान से ही एक करोड़ तक की शिकायत दर्ज करवा सकेगा। उन्होंने बताया कि पहले यह सीमा बीस लाख तक थी। इस संशोधन में जो सबसे बड़ा बदलाव किया गया है वो है भ्रामक विज्ञापनों को ले कर। अब अगर कोई भी कंपनी ग्राहकों को लुभाने के लिए गलत एवं झूठा प्रचार करेगी तो आरोप साबित होने पर कंपनी के साथ साथ उस विज्ञापन में काम करने वाले मॉडल या अभिनेता के खिलाफ भी करवाई की जा सकेगी। अगर किसी भी प्रोडक्ट में खराबी पायी जाती है तो जिला उपभोक्ता कमिशन उसकी बिक्री पर रोक लगा कर उसे मार्केट से वापस भी बुला सकता है। मित्तल ने बताया कि सबसे बड़ा बदलाव जनहित याचिका को लेकर किया गया है। अब आम पब्लिक से सबंधित या मिलावटखोरी के खिलाफ किसी भी उपभोक्ता विवाद में उपभोक्ता कमिशन में जनहित याचिका दायर की जा सकेगी जबकि पहले यह अधिकार नहीं था। उपभोक्ता को पहले केस दायर करने के लिए दूर दूर तक जाना पड़ता था लेकिन अब वो अपने निवास स्थान वाले जिला कमिशन में भी केस दायर कर सकेगा। उन्होंने बताया जिला कमिशन एक करोड़, राज्य कमिशन एक करोड़ से दस करोड़ और राष्ट्रीय कमिशन में दस करोड़ से ऊपर के मामलों में सीधे शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी। अपील करने के सीमा भी 30 दिन से बड़ा कर 45 दिन कर दी गई है। अब आपसी समझौते करवाने के मकसद से जिला कमिशन में मीडीएशन सेल भी बनाया जाएगा।