Move to Jagran APP

घर-घर में भगवान जगन्नाथ की पालकी का किया भव्य स्वागत

भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के उपलक्ष्य में हरे कृष्ण प्रचार समिति प्रभातफेरियां निकाल रही है है और शुक्रवार को इसके तहत पांचवीं प्रभातफेरी राजीव एंक्लेव और नवाब कपूर सिंह कॉलोनी में निकाली गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:47 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:47 PM (IST)
घर-घर में भगवान जगन्नाथ की पालकी का किया भव्य स्वागत
घर-घर में भगवान जगन्नाथ की पालकी का किया भव्य स्वागत

जागरण संवाददाता, कपूरथला : भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के उपलक्ष्य में हरे कृष्ण प्रचार समिति प्रभातफेरियां निकाल रही है है और शुक्रवार को इसके तहत पांचवीं प्रभातफेरी राजीव एंक्लेव और नवाब कपूर सिंह कॉलोनी में निकाली गई। लोगों ने भगवान की पालकी का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। प्रभातफेरी विनोद लूंबा, रोमी, मोहिदर सिंह, साहिल धीर और श्री सूद के घर रुकी। उसके बाद नवाब कपूर सिंह कॉलोनी में रशपाल सिंह धालीवाल, अशोक कुमार आनंद, जेएस बाजवा, नरिद्र कुमार, गुरबचन सिंह, विजय गुप्ता (सुजुकी वाले) के घर प्रभातफेरी पधारी। हर घर में भक्तों ने भगवान का भव्य स्वागत किया। समिति के कंन्वीनर अरुण संगर ने भगवान जगन्नाथ के प्राकट्य का रहस्य बताया। उन्होंने कहा कि नारद जी को दिए गए वरदान को पूरा करने के लिए भगवान ने कुछ ऐसी सृष्टि रची। अरुणा संगर ने बताया कि पुरुषोतम क्षेत्र जो आज जगन्नाथ पुरी के नाम से प्रमुख है, वहां इंद्रद्युमन नाम का राजा रहता था। उनके जीवन में कोई कमी नहीं थी, लेकिन वे भगवान के बहुत बड़े भक्त थे। एक दिन भगवान विष्णु उनके सपने में आए और उनसे कहा कि राजा कल सुबह जब तुम उठोगे तो तुम समुद्र के किनारे जाना। वहां एक लकड़ी का बड़ा गट्ठा तैरता हुआ तुम्हारे समक्ष आएगा। तुम उसे उठाकर अपने घर ले आना। उस गट्ठे पर शंख, चक्र, गद्दा, पद्म के चिह अंकित होंगे। जब राजा सुबह समुद्र की तरफ गया तो सचमुच ही लकड़ी का गट्ठा तैरता हुआ उसके समक्ष आया। राजा उसे घर तो ले आए। नारद जी के कहने पर ब्रह्मा जी का आह्वान किया ताकि वे इस लकड़ी के गटठे को गवान के अर्चा-विग्रह का रूप दे सकें। विश्वकर्मा जी ने शर्त रखी कि जब वह अर्चाविग्रह बनाएंगे तब कोई भी उन्हें तंग नहीं करेगा। वह एक बंद कमरे में इसे बनाएंगे। कई महीने बीत गए, कमरे भीतर से कोई आवाज भी नहीं आई। राजा इंद्रद्युमन से रहा नहीं गया। उन्होंने तत्काल कमरे का दरवाजा खोल दिया। फिर देखा कि विश्वकर्मा जी जा चुके थे और कमरे में तीन अधूरे अर्चाविग्रह थे। राजा अब पछता रहे थे कि उनकी गलती के कारण अर्चाविग्रह अधूरे रह गए। तभी नारद प्रकट हुए और बोले कि हे राजा ये अर्चाविग्रह अधूरे नहीं है। भगवान ने मुझे दिए गए वचन को पूरा करने के लिए यह सब विधि का विधान रचाया है। गौरतलब है कि 14 दिसंबर को भगवान जगन्नाथ रथयात्रा श्री रानी साहिबा मंदिर से दोपहर दो बजे निकाली जाएगी। प्रभातफेरी में नीरज अग्रवाल, पवन ग्रोवर, अमित गुप्ता, विशाल गुप्ता, सुमित गुप्ता, चंदन गुप्ता, चेतन गुप्ता, अनूप उप्पल, चरणदास, पंकज मनोचा, निष्काम शर्मा, हरि जोशी सुकेश कपूर, मोनू सभ्रवाल, स्पर्श, गौतम, मंगत राम कालिया, सागर मेहता, विनोद मेहता, राजकुमार भसीन, बबलू भसीन, तरुण साहनी, प्रणब बाठला, वंश गुप्ता, तस्य अगरवाल, अनंत गुप्ता, दैविक गुप्ता, नरेश गुलाटी अनुज आनंद मौजूद थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.