ओट सेंटर में नशे के मरीज बढ़े
जिले में चल रहे ओट सेंटरों में नशे के मरीज बढ़े हैं।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला
जिले 10 ओट्स सेंटर और नशा मुक्ति केंद्र में नशे से छुटकारा पाने के लिए आने वाले मरीजों की तादाद बढ़ी है। ओट सेंटर और नशा मुक्ति केंद्र में नशे के मरीजों को दवा मुहैया करवाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ सदस्यों की तैनाती की गई है ताकि नशे के मरीजों को परेशानी न हो। जिले में 10 ओट सेंटर चल रहे है और हर सेंटर में मरीजों को दवा मुहैया करवाने के लिए सेहत विभाग के चार कर्मचारी तैनात है। इसके अलावा सिविल अस्पताल में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों के लिए 20 स्टाफ सदस्य तैनात हैं। इस समय जिले में लगभग 8165 लोग नशा छोड़ने के ओट सेंटर और नशा मुक्ति केंद्रों में रजिस्ट्रेशन करवाया है।
नवजीवन केंद्र कपूरथला के इंचार्ज डॉ. संदीप भोला ने बताया कि कर्फ्यू दौरान नशा मुक्ति केंद्र में 2127 नए मरीज रजिस्टर्ड हुए थे। जुलाई तक नशा छोड़ने के लिए कुल 8165 नशे के मरीजों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। डॉ. भोला ने बताया कि रोजाना तकरीबन 70 से अधिक मरीज नशा मुक्ति केंद्र और ओट्स सेंटर में उपचार करवाने के लिए आ रहे हैं।
नवजीवन केंद्र में उपचार करवा कर स्वस्थ हुए हजारों मरीज
उन्होंने बताया कि अब तक इस जिला स्तरीय नशा छुड़ाओ केंद्र में 16 हजार से अधिक मरीज नशे से निजात पाने के लिए इलाज करवा चुके हैं। और 95 फीसदी मरीज नशे की लत से छुटकारा पाकर खुशहाल जिदगी अपने परिवारों के साथ व्यतीत कर रहे हैं। डॉ. भोला ने बताया कि नवजीवन केंद्र में उपचार करवाने वाले मरीजों के लिए दवा की कमी नहीं है। जितनी मंगवाई जाती है, उतना स्टाक आ जाता है। डॉ. भोला ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में इस समय 20 लोगों का स्टाफ है। जिले में चलने वाले 10 ओट सेंटर में 40 स्टाफ तैनात हैं। मरीजों को दवा देकर नशा छोड़ने के लिए जागरूक किया जाता है। नशे के मरीजों की तादाद बढ़ने पर नवजीवन केंद्र से स्टाफ को ओट सेंटरों में तैनात कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि नशा छोड़ने के लिए मरीज की लगातार काउंसलिंग की जाती है। जिससे वह मानसिक तौर पर मजबूत होकर नशे का त्याग करने के लिए तैयार होते हैं।