पांच एकड़ से कम जमीन वाले को ही मिलेगा मुआवजा
पराली और धान के अवशेषों को आग न लगाने वाले उन्हीं किसानों को मुआवजा मिलेगा जिनकी जमीन पांच एकड़ है और जो सीमांत क्षेत्र में गैर-बासमती धान की बिजाई कर रहे हों।
जागरण संवाददाता, कपूरथला। पराली और धान के अवशेषों को आग न लगाने वाले उन्हीं किसानों को मुआवजा मिलेगा जिनकी जमीन पांच एकड़ है और जो सीमांत क्षेत्र में गैर-बासमती धान की बिजाई कर रहे हों। अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान डीसी इंजी डीपीएस खरबंदा ने बताया कि प्रदेश सरकार की पॉलिसी के अनुसार ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की हिदायतों पर सरकार ने पराली न जलाने पर प्रति एकड़ 2500 रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है। डीसी ने बताया कि गांव का सरपंच इस बारे में तस्दीक करेगा कि किसान ने पराली को आग लगाई है कि नहीं। गलत किसान की तस्दीक करने पर संबंधित सरपंच के खिलाफ कारवाई की जाएगी। डीसी ने कहा कि संबंधित किसान निर्धारित फार्म भरकर सरपंच को देगा और सरपंच जांच करने के बाद ब्लॉक विकास व पंचायत अफसर यह फार्म सहकारिता विभाग के दफ्तर में दिए जाएंगे। इसके बाद सहकारिता विभाग इन फार्म को सरकार के पोर्टल पर अपलोड करके माल विभाग से जांच करवाएगा और उसके बाद अगली कार्रवाई कर संबंधित लाभार्थियों के खातों में जरूरी राशी भेजी जाएगी। बैठक में एडीसी (डी) अवतार सिंह भुल्लर, एसडीएम वरिदरपाल सिंह बाजवा, लतीफ अहमद, रणदीप सिंह हीर, तहसीलदार सीमा सिंह, डीडीपीओ हरजिंदर सिंह, इंजी जगदीश सिंह और खेतीबाड़ी अफसर अश्विनी कुमार के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
आयोग्य व्यक्ति की सिफारिश की तो होगी कार्रवाई
डीसी ने बताया कि कुछ लोग द्वारा अनधिकृत तौर पर किसानों के फार्म अपलोड किए जाने के मामले सामने आए हैं जिन्हें डिलीट कर दिया गया है। उन्होंने ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि गैर-कानूनी काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने सरपंचों से कहा कि वह किसी आयोग्य व्यक्ति की जांच न करें और ऐसा करने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि समूह उप मंडल मजिस्ट्रेटों को पंजाब रिपोर्ट सेंसिग के येलो मैप मुहैया करवा दिए गए हैं, जिनसे आग लगाने वालों की जमीनों की पहचान हो जाएगी।
गैर-बासमती धान की खेती करने वाला हकदार
डीसी ने कहा कि जो किसान योग्य नहीं हैं वे मुआवजे के लिए अप्लाई न करें। उन्होंने बताया कि इस मुआवजे का हकदार वह किसान होगा, जिसके पास अपने, पत्नी और 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के नाम पर कुल 5 एकड़ तक की जमीन का मालिकाना हक हो। इसके अलावा वह इस जमीन या इसके किसी हिस्से में गैर-बासमती धान की खेती करता हो और खेत के किसी भी हिस्से में धान के अवशेषों को आग न लगाई जाए।