कपूरथला की मंडियों में अपलोड होने लगा डाटा, खरीद पकड़ने लगी जोर
जिले की विभिन्न मंडियों में गेहूं की आमद तेज हो गई है और खरीद ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : जिले की विभिन्न मंडियों में गेहूं की आमद तेज हो गई है और खरीद ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। हालांकि किसानों की फसल का डाटा अपलोड करने के लिए पोर्टल सिस्टम को समझने में आढ़तियों, खरीद एजेंसियों के कर्मचारियों एवं किसानों को वक्त लग रहा है लेकिन दो-तीन दिन की मशक्कत के बाद अब सभी पर होने लगे है।
सरकारी खरीद एजेंसियों ने भी अब जोश दिखाना शुरू कर दिया है। गेहूं की खरीद में नए नियमों से किसानों से खरीदी गेहूं का मार्केट कमेटी एवं फूड सप्लाई व आढ़तियों के संयुक्त प्रयास से शुरू में डाटा पोर्टल सिस्टम पर अपलोड करने में मुश्किल हो रही थी। इससे किसान आढ़तिये व एजेंसियां सभी परेशान थे लेकिन अब एक दूसरे से पूछकर सभी सीखने लगे हैं। पुराने आढ़तियों की जगह उनके बच्चों ने अपलोड का काम संभाल लिया है, जिससे किसान व एजेंसियों ने भी राहत की सास ली है। अगर डाटा अपलोड नही होगा तो किसान को गेहूं का भुगतान हो पाना बेहद मुश्किल होगा।
तेज हवाओं के चलते गेहूं की कटाई में भी आई तेजी
तेज हवाओं के चलते गेहूं की कटाई में भी तेजी आई है। हालांकि इससे पहले मौसम में ठंडक के चलते इस बार कनक की कटाई थोड़ी सुस्त गति से चल रही थी। अभी तक मंडियों में 12034 टन गेहूं की खरीद आमद हुई है और वीरवार को 10275 टन गेहूं की खरीद हुई है। लगभग 80 फीसद गेहूं की खरीद होने लगी है। लेकिन लिफ्टिंग बहुत ही धीमी है। नई दाना मंडी कपूरथला में गेहूं की बोरियों के अंबार लगने लगे हैं जबकि भुगतान अभी कोई नहीं हुआ है।
बारदाने की भी कमी
जहां गेहूं की खरीद हुई है तो बारदाने की भारी कमी है। नई दाना मंडी कपूरथला में गेहूं की आमद के हिसाब से मात्र 60 फीसदी ही बारदाना है जबकि बारदाना ना होने से लिफ्टिंग की भी समस्या बरकरार है। -------------
किसानों की फसल का डाटा अपलोड करने का कार्य कुछ धीमा है, जिससे कनक की खरीद पूरी तरह गति नही पकड़ सकी है। हालाकि इसके लिए मार्केट कमेटी व फूड सप्लाई विभाग के कर्मचारी लगातार प्रयास कर रहे हैं।
-ओपी बहल, प्रधान, आढ़तिया एसोसिएशन।
----------------------
पहले ऐसा कोई झंझट नहीं होता था। गेहूं की कटाई कर मंडी में आते थे और एक ही दिन में बेचकर चले जाते थे और कुछ दिनों बाद गेहूं का भुगतान हो जाता था लेकिन इस बार काफी परेशानी हो रही है।
-भुपिदर सिंह एवं कीरत सिंह, किसान।
--------------------
शुरू में डाटा अपलोड करने में सभी को काफी मुश्किल पेश आई थी लेकिन अब लगभग सभी नए सिस्टम से वाकिफ हो चुके हैं और अब खरीद का काम सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है।
-गुरमख सिंह, इंस्पेक्टर।