स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव की दी जानकारी
स्वाईन फलू एच वन एन वन नाम के विशेष वायरस के कारण एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में सास के जरीए फैलता है,मौसम में तबदीली के कारण इस वायरस के फैलने का खतरा बना रहता है, यह जानकारी सिविल सर्जन डा. बलवंत ¨सह ने लोगों को सवाईन फलू संबंधी जानकारी देते हुए कहे।उन्होंने कहा कि इस बिमारी से बचने के लिए सावधानी रखनी जरुरी है। डा. बलवंत ¨सह ने बताया कि सेहत विभाग की ओर से जिले के सरकारी अस्पतालों मे सवाईन फलू कारनर व आईसोलेशन वार्ड बनाए जा चुके है। सिविल सर्जन डा. बलवंत ने बताया
संवाद सहयोगी, कपूरथला : स्वाइन फ्लू एचवन एनवन नाम के विशेष वायरस के कारण एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में सांस के जरिये फैलता है। मौसम में बदलाव के कारण इस वायरस के फैलने का खतरा बना रहता है, यह जानकारी सिविल सर्जन डा. बलवंत ¨सह ने लोगों को स्वाइन फ्लू संबंधी जानकारी देते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतना जरुरी है। डॉ. बलवंत ¨सह ने बताया कि सेहत विभाग की ओर से जिले के सरकारी अस्पतालों मे स्वाइन फ्लू कार्नर व आइसोलेशन वार्ड बनाए जा चुके है। सिविल सर्जन ने बताया कि स्वाइन फ्लू से पीडि़त व्यक्ति से कम से कम 6 मीटर की दूरी बना कर रखें। बुखार होने की सूरत में सिविल अस्पताल के माहिर डाक्टरों के साथ संपर्क किया जाए। डा. नवप्रीत कौर ने बताया कि स्वाइन फ्लू खांसी, छीकने व थूकने के साथ निकले द्रव के कारण वायरस हवा के जरिये दूसरे व्यक्ति में सांस के जरीए व्यक्ति में प्रवेश कर जाता है। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन के निर्देशों अनुसार जिले के विभिन्न विभागों को स्वाइन फ्लू से बचाव संबंधी एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी है तथा लोगों को जागरुक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बुखार होना, ठंड लगना, गला खराब होना, शरीर में तेज दर्द व कमजोरी इसके लक्षण हैं। ज्यादा गंभीर स्थिति में सांस चढ़ना, शरीर में नीलापन, छाती में दर्द व थूक में खून आ सकता है। डा. नवप्रीत कौर ने बताया कि खांसी या छीकते समय मुंह व नाक के आगे रुमाल रखना चाहिए। हाथों को साबुन से बार-बार धोना चाहिए।