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खैहरा की जमानत बाद भुलत्थ में रोचक होगी सियासी लड़ाई

भुलत्थ के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को जमानत मिल चुका है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:18 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 09:18 PM (IST)
खैहरा की जमानत बाद भुलत्थ में रोचक होगी सियासी लड़ाई
खैहरा की जमानत बाद भुलत्थ में रोचक होगी सियासी लड़ाई

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

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मनी लार्डिग मामले में ईडी के केस का सामना कर रहे पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के पश्चात अब विधान सभा हलका भुलत्थ में ही सियासी लडाई रोचक नही बनेगी बल्कि खैहरा के अपनी ही पार्टी के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह खिलाफ भी सियासी तेवर बेहद मुखर होने की संभावना है। खैहरा के पटियाला जेल से बाहर आने के बाद भुलत्थ हलके में ही वर्चस्व की लड़ाई तेज नही होगी बल्कि इससे कपूरथला व सुल्तानपुर लोधी का चुनावी दंगल भी प्रभावित होगा।

कांग्रेस की टिकट पर भुलत्थ से चुनाव लड़ रहे सुखपाल सिंह खैहरा को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है जिससे जिले से अन्य दलों के साथ ही नही बल्कि कांग्रेस की अंदरुनी सियासी लड़ाई का स्वरुप भी पूरी तरह बदल जाएगा।

एसजीपीसी की पूर्व प्रधान एवं अकाली बसपा प्रत्याशी बीबी जागीर कौर के साथ खैहरा की पुराना सियासी रंजिश है। सुखपाल खैहरा एवं राणा गुरजीत के बीच सियासी मतभेद भी किसी से छिपी नही है। खैहरा जेल से बाहर आने के बाद सबसे पहले अपनी ही पार्टी के मंत्री राणा गुरजीत सिंह को निशाने पर ले सकता है जिससे एक बार फिर से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो सकता है।

राणा के खिलाफ हाईकमान को पत्र लिखकर विरोध जता चुके हैं खैहरा

इससे पहले सुखपाल सिंह खैहरा कांग्रेस हाईकमान को राणा खिलाफ कई पत्र लिख कर अपना तीखा विरोध दर्ज करवा चुके है। राणा गुरजीत की ओर से सुखपाल खैहरा खिलाफ कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिख कर उन्हें कांग्रेस से निष्कासित किए जाने का मुद्दा उठाया गया है। ऐसे में कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई फिर से खुल कर सामने आ सकती है।

ईडी मामले में फंसे सुखपाल खैहरा को वीरवार के दिन हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी थी और भुलत्थ विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैहरा शुक्रवार को जेल से बाहर आ गए है। जेल से बाहर आने के बाद सुखपाल खैहरा ने कहा कि उसे जेल जाने का मलाल नहीं लेकिन अफसोस है कि बेगुनाह होकर भी उसे जेल के अंदर रहना पड़ा। खैहरा ने कहा कि मैं पूरी तरह से बेकसूर था। मेरी तरह जेल के भीतर कई बेगुनाह बंद है। कई लोगों की कोर्ट से जमानत मंजूर हो चुकी है लेकिन उनके पास इतनी संपत्ति नहीं कि वह अपनी जमानत देकर बाहर आ सके।

खैहरा ने कहा कि वह जल्द ही सबकी पोल खोलेंगे कि उन्हें फंसाने के पीछे किन लोगों का हाथ था और उनकी इसके पीछे मंशा क्या थी। सुखपाल सिंह खैहरा को 18 नवंबर को कोर्ट ने जेल भेजा था। अब वह 68 दिन बाद जेल से बाहर आए है। खैहरा 31 जनवरी को भुलत्थ विधान सभा सीट से नामांकन पत्र भरेंगे।

भुलत्थ में बीबी जागीर कौर और राणा रणजीत सिंह से मिलेगी चुनौती

उधर सुखपाल सिंह खैहरा को भुलत्थ हलके में शिअद बसपा प्रत्याशी बीबी जागीर कौर के साथ साथ आम आदमी पार्टी के राणा रणजीत सिंह से मिलने वाली चुनौती से भी निपटना होगा। राणा गुरजीत सिंह एवं राणा रणजीत सिंह दोनों ही एक दूसरे के विरोधी है तथा यह दोनों खैहरा के भी उतने ही विरोधी माने जाते है जिससे सुखपाल सिंह खैहरा को एक साथ कई चनौतियों से निपटना होगा। ईडी के मामले को निपटने के साथ साथ खैहरा को अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए बीबी जागीर कौर के रूप में मजबूत प्रतिद्वंदी के अलावा अपनी ही पार्टी की अंदरुनी क्लेश से भी जूझना पड़ेगा। अब देखना होगा सुखपाल सिंह खैहरा इन चुनौतियों से कैसे पार पाते है।


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