11 एनजीओ घरों में पहुंचा रही सामग्री
कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के मकसद से चल रहे कर्फ्यू के दौरान विरासती शहर के सीनियर सिटीजन को घर बैठे तमाम सुविधाएं पहुंचाई जा रही है।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला : कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के मकसद से चल रहे कर्फ्यू के दौरान विरासती शहर के सीनियर सिटीजन को घर बैठे तमाम सुविधाएं पहुंचाई जा रही है। जिला प्रशासन की तरफ से शहर की कुछ एनजीओ की मदद से निश्शुल्क यह सेवा निभाई जा रही है। इस दौरान बेकरी, गरोसरी, फल सब्जियां व दवाइयों की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। कुछ जरूरतमंदों को ना सिर्फ गांवों में जाकर आर्थिक मदद पहुंचाई गई बल्कि जिले के बाहर कादियों से आए फोन पर अमृतसर जिले के प्रशासन की मदद से कई दिनों से भूख से जूझ रही महिला को भी राशन व दाल रोटी पहुंचाई गई। तीन दिन में करीब 227 ऑर्डर घर-घर तक पहुंचाए गए हैं।
डिप्टी कमिश्नर दीप्ति उप्पल के इस आइडिया को सहायक कमिश्नर जनरल राहुल चाबा की अगुआई में शहर की 11 एनजीओ के सदस्य अंजाम तक पहुंचाने में लगे हैं। विरासती शहर में साठ साल से अधिक आयु वाले तमाम लोग होम डिलीवरी का आनंद उठा रहे हैं। इस मकसद से जिला प्रशासन की तरफ से एडीसी के रीडर सतबीर सिंह चंदी और नायब तहसीलदार के रीडर तेजवंत सिंह खुद तमाम कॉल अटैंड करते हैं। इसकी से शहर में हर कॉल पर तुंरत रिस्पांस्ड किया जाता है। इस उदेश्य की प्राप्ति के लिए सतबीर सिंह खुद फोन पर आर्डर ले रहे हैं। डिलीवरी को यकीनी ही नहीं बनाते बल्कि जरूरत पड़ने पर खुद डिलीवरी भी देकर आते हैं। प्रत्येक आर्डर की डिलीवरी तक यह दोनों अधिकारी मॉनिटरिग कर रहे हैं। अभी तक 227 से ज्यादा आर्डरों को भुगतान कर चुके हैं, जिससे बुजुर्ग बेहद खुश हैं।
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अर्बन एस्टेट निवासी सीनियर एडवोकेट व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरचरन सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस की भयानकता और कर्फ्यू के हालात में बुजुर्गों के लिए होम डिलीवरी का कार्य बेहद सराहनीय है। उन्होंने फल व दवाईयां मंगवाई थी। सब कुछ बहुत ही रिजेनबल प्राइस पर और शानदार क्वालिटी के रूप में मिला है। जिला प्रशासन इसके लिए बधाई का पात्र हैं। करीब 75 वर्षीय बुजुर्ग एसएल अरोड़ा ने बताया कि उनकी सेहत पिछले काफी समय से नासार है और उनकी बाइपास सर्जरी हुई है। ऐसे में वह कहीं आ जा नहीं सकते थे, लेकिन होम डिलीवरी वाले एनजीओ व प्रशासन उनके लिए फरिश्ते बन कर आए हैं।
इस कार्यप्रणाली के संचालक सतबीर सिंह ने बताया कि बुजुर्गों के लिए हेल्प लाइन के नंबरों को वह दोनों ही अटैंड करते हैं। हर सीनियर सिटीजन की मेडीसन, खाद सामग्री, बेकरी, फल व सब्जियों की जरूरत को तुरंत पूरा किया जाता है। इस मकसद से एक वट्सएप ग्रप बनाया गया है, जिसमें शहर के करीब 11 एनजीओ शामिल है। इस ग्रप में 5-6 मोल व दुकानदार शामिल हैं। हर ऑर्डर को ग्रुप में शेयर कर डिलीवरी का पता डाल दिया जाता है। उस पते के नजदीकी एनजीओ खुद उस डिलीवरी की जिम्मेदारी लेता है। उधर दुकानदार उसके आने से पहले सामान पैक कर देता है। सतबीर ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को गांव ओजला जोगी से एक महिला का फोन आया था कि उसका बेटा विदेश में है, उनके पास खाने को कुछ नही बचा और ना कोई पैसा ही बचा है। इस पर वह खुद उनके घर जरुरी सामान और दो हजार रुपये पहुंचा कर आए है।