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सरकारी अस्पतालों में कम रुचि दिखा रहे युवा स्पेशलिस्ट डॉक्टर, विभाग ने बुजुर्ग डॉक्टरों की तरफ बढ़ाया हाथ

युवा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को पीसीएमएस कैडर में वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से सीधी भर्ती व पूरा वेतनमान देने के बावजूद राज्य सरकार उनका दिल जीतने में सफल नहीं हुई।

By Vikas KumarEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 08:47 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 09:07 AM (IST)
सरकारी अस्पतालों में कम रुचि दिखा रहे युवा स्पेशलिस्ट डॉक्टर, विभाग ने बुजुर्ग डॉक्टरों की तरफ बढ़ाया हाथ
सरकारी अस्पतालों में कम रुचि दिखा रहे युवा स्पेशलिस्ट डॉक्टर, विभाग ने बुजुर्ग डॉक्टरों की तरफ बढ़ाया हाथ

जालंधर [जगदीश कुमार]। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सेवाएं देने के लिए सेहत विभाग की ओर से एक दशक से भी ज्यादा समय से किए जा रहे प्रयास कामयाब नहीं हो रहे हैं। युवा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को पीसीएमएस कैडर में वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से सीधी भर्ती व पूरा वेतनमान देने के बावजूद राज्य सरकार उनका दिल जीतने में सफल नहीं हुई।

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युवा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की सरकारी अस्पतालों में रुचि कम होने की वजह से राज्य सरकार ने अब बुजुर्ग स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तरफ हाथ बढ़ाया है। सरकारी अस्पतालों से सेवानिवृत्त हो चुके और निजी अस्पतालों में तैनात वरिष्ठ स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों में ठेके पर तैनाती की प्रक्रिया शुरू की है। विभाग ने स्पेशलिस्ट डाक्टरों के 482 पद भरने का लक्ष्य रखा है।

23 दिसंबर को वॉक इन इंटरव्यू

सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. अवनीत कौर का कहना है कि राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डाक्टरों की ठेके पर तैनाती के लिए नीतियों में बदलाव किए थे। 58 से 65 साल तक की उम्र के स्पेशलिस्ट डाक्टर सेवाएं दे सकेंगे। विभाग की ओर से 23 दिसंबर को वॉक इन इंटरव्यू की जाएगी। सरकार की ओर से उन्हें वेतन भी अच्छा दिया जा रहा है और तबादले भी नही होंगे। विभाग की शर्त के अनुसार निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। पहले ठेके पर उन्हें एक साल के लिए नियुक्त किया जाएगा और उसके बाद उनकी सेवाओं की रिपोर्ट को देखते हुए उनकी सर्विस में इजाफा होगा। उनसे केवल क्लीनिकल सेवाएं ली जाएंगी। इसका फायदा मरीजों को पहुंचेगा। वह प्रशासनिक कार्य करने की श्रेणी में नही आएंगे।

विभाग का प्रयास सफल होगा

पीसीएमएस स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि युवा स्पेशलिस्ट डाक्टरों में सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने में रुचि कम है। पिछले दस साल से विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद सरकारी अस्पतालों में खाली पड़े पद भरे नहीं जा सके हैैं। वरिष्ठ डॉक्टर सेवा भावना में विश्वास करते हैं जिसका मरीजों को फायदा मिलेगा।

स्पेशलिटी      पद

एनेस्थीसिया    22

ब्लड ट्रांसफ्यूजन अफसर 07

चेस्ट एंड टीबी   07

चर्म रोग          12

ईएनटी            10

एसपीएम         08

जनरल सर्जरी   69

गायनोकोलॉजिस्ट  79

मेडिसिन          73

आंखों के माहिर 12

हड्डी रोग माहिर 17

बाल रोग माहिर 100

पैथोलॉजी          15

मनोचिकित्सक  06

रेडियोलॉजिस्ट   26

कुल             482

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