कोर्ट आदेशों के बाद Leather industry में काम ठप, Review Petition पर अभी नहीं मिली राहत Jalandhar News
लेदर इंडस्ट्री में विभिन्न कामों के लिए दक्ष कारीगरों की जरूरत होती है। जालंधर से लौट जाने के बाद इनकी कमी का खामियाजा लेदर इंडस्ट्री को भुगतना पड़ सकता है।
जालंधर, जेएनएन। अदालती आदेशों की मार झेल रही शहर की लेदर इंडस्ट्री को अब अपने कारीगरों के लौट जाने की चिंता सताने लगी है। अदालती आदेशों के बाद शहर की लेदर इंडस्ट्रीज का काम बंद पड़ा हुआ है और कारीगर भी बिना काम के बैठे हुए हैं। वहीं अदालत से राहत लेने के लिए इंडस्ट्री संचालकों ने अदालत में डाली गई रिव्यू पिटीशन पर अभी तक कोई फैसला नहीं आ पाया है।
कारीगरों को वापस लाना होगा मुश्किल
ऐसे में काम दोबारा शुरू होने संबंधी कोई पुख्ता जानकारी न होने के चलते अन्य राज्यों से आए कारीगर वापस लौट जाने पर भी विचार करने लगे हैं। वजह यह है कि जब कोई काम ही नहीं मिलेगा तो वे अपने घर कैसे चला सकेंगे। इंडस्ट्री संचालकों की चिंता यह है कि अगर कारीगर एक बार लौट गए तो उन्हें वापस काम पर लाना बेहद मुश्किल होगा। वजह यह है कि लेदर इंडस्ट्री में विभिन्न कामों के लिए दक्ष कारीगरों की जरूरत होती है। जालंधर से लौट जाने के बाद इनकी कमी का खामियाजा लेदर इंडस्ट्री को भुगतना पड़ सकता है।
माल तैयार करवाने के लिए नहीं मिल रहा लेदर
दूसरी तरफ अब लेदर के तैयार उत्पाद बेचने वाले कारोबारियों को भी लेदर इंडस्ट्री के बंद होने का असर पड़ता दिखाई देने लगा है। ऑर्डर के मुताबिक माल तैयार करवाने के लिए उन्हें लेदर नहीं मिल पा रहा। लेदर कारोबारियों के मुताबिक अगर अगले 15 दिन में लेदर इंडस्ट्रीज ने अपना काम शुरू न किया तो उन्हें दूसरे शहरों की मार्केट का रुख करना पड़ सकता है। हालांकि जालंधर के मुकाबले अन्य स्थानों से मंगवाया जाने वाला लेदर महंगा पड़ेगा। इससे उनकी लागत भी बढ़ जाएगी और मजबूरी वश उनको अपने उत्पाद की कीमत भी बढ़ानी पड़ेगी। हालांकि कारोबारी उम्मीद कर रहे हैं कि आगामी एक पखवाड़े के अंदर लेदर इंडस्ट्री को कोई राहत जरूर मिल जाएगी।
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