पिता ने फौजी बनकर की देश की सेवा, बेटा बन गया पाकिस्तान का जासूस
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए हरपाल पाला के पिता भारतीय सेना में रह चुके हैं।
करतारपुर (जालंधर), [मनीष शर्मा/दीपक कुमार]। पिता ने सेना में फौजी बनकर देश की सेवा की और बेटा पाकिस्तान का जासूस बन गया है। जी हां, यह कहानी नहीं बल्कि सच्चाई है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए हरपाल पाला के पिता भारतीय सेना में रह चुके हैं। पाला के पिता बहादुर सिंह ने सेना से सेवामुक्त होने के बाद आदमपुर एयरबेस में लगभग तीन साल नौकरी की। इसके बाद उनकी मौत हुई तो उनकी पत्नी यानि पाला की मां हरबंस कौर को वहां मेस में कुक की नौकरी मिल गई। हरबंस कौर की भी छह अगस्त 2014 को मौत हो चुकी है।
पाला के पास पुलिस को दो मोबाइल फोन मिले हैं। इनमें एक स्मार्टफोन है, जबकि दूसरा सामान्य। इनके सिम से पुलिस को छह पाकिस्तानी व यूके के नंबर मिले हैं, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह नंबर किसके हैं। वहीं, पुलिस अभी तक पाला के मोबाइल की फारेंसिक रिपोर्ट व डाटा रिकवरी का इंतजार कर रही है। इसमें अभी दो दिन का वक्त और लग सकता है। तब तक पुलिस के हाथ बिल्कुल खाली हैं।
न कोई नक्शा मिला, न ही वीडियो
अभी तक की सूचना के मुताबिक गिरफ्तारी के वक्त पाला से न कोई नक्शा मिला है और न ही कोई ऐसी फोटो या वीडियो मिली हैं, जिससे उसके जासूस होने की पुष्टि होती है। सिर्फ कुछ मोबाइल नंबर ही पुलिस के हाथ लग सके हैं। यही वजह है कि अफसर मीडिया के सामने मुंह तक नहीं खोल रहे।
पत्नी बोली, हम तो नमक-रोटी खाकर दिन काट रहे
हरपाल पाला के पाकिस्तानी जासूस के आरोप में पकड़े जाने के बाद 'दैनिक जागरण' की टीम शनिवार को उसके करतारपुर के अधीन गांव भतीजा में उसके घर पहुंची। यहां उसकी पत्नी कुलदीप कौर अपने दो बच्चों मनप्रीत सिंह व गुरलीन कौर के साथ मिली। कुलदीप ने बताया कि उसकी 2005 में पाला से शादी हुई, तब वो प्राइवेट नौकरी करता था। करीब 15 साल से उसका जालंधर के डॉक्टर से दिमागी परेशानी का इलाज चल रहा है। कुलदीप ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पाला पाकिस्तानी जासूस है। क्योंकि उन्होंने कभी घर में उससे ऐसी बातें नहीं सुनीं। वो ईयरफोन लगाकर ऊंची-ऊंची आवाज में अक्सर बातचीत करता था। वो कोई काम-धंधा नहीं करता, जिससे वो नमक-रोटी खाने को मजबूर हैं। घर का खर्च चलाने के लिए वो सिलाई का काम करती है और गाय पालकर दूध बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं। छह महीने से उन्होंने बिजली का बिल नहीं भरा। बच्चों की फीस भी दो किश्तों में देती है। गांव वालों ने भी कहा कि वो ऊंची-ऊंची आवाज में जरूर बात करता था लेकिन उन्हें कभी नहीं लगा कि वो जासूसी भी करता है।
यह है पुलिस का दावा
जालंधर देहात पुलिस के सीआइए स्टाफ का दावा है कि हरपाल पाला पाकिस्तान में बैठे आतंकी गोपाल चावला के जरिए पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करता है। वो यहां से वायुसेना और सेना की गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान भेजता था। इसके लिए वाट्सएप, फेसबुक व अन्य मोबाइल एप की मदद लेता था। पाला विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकी रणजीत सिंह नीटा, परमजीत सिंह पंजवड़, प्रीत कमल ग्रेवाल, कुलवंत सिंह मुठड्डा व अन्य आतंकियों के साथ भी मोबाइल से संपर्क में था।
2016 से कर रहा था जासूसी
पाला साल 2016 से पाकिस्तान की जासूसी कर रहा था और कुछ साल पहले बहरीन गया था, जहां उसका संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ व गोपाल चावला के साथ हुआ था। फिर गोपाल चावला के जरिए उसने सेना व वायु सेना की गोपनीय सूचनाएं पाक एजेंसी आइएसआइ को मुहैया करवाईं।
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