...जब थाना प्रभारी बोले, रिमांड नहीं मांगना, कोरोना न करवाना है?
अदालत में पेश करने के लिए मुलाजिम ले जाने लगे तो एक ने थाना प्रभारी से पूछा कि किन्ने दिनां दा रिमांड मंग लइए जनाब।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना का रोना तो हर कोई रो रहा है। पहली पंक्ति में रहकर लड़ रहे पुलिस वाले भी कोरोना की चपेट में आने से नहीं बचे, लेकिन इससे उनका हौसला कम नहीं हुआ। हालांकि हिम्मत लोगों की भलाई के लिए रखना तो एक तरह जायज है लेकिन खुद पर आने वाले खतरे को दूर रखना भी हिम्मत ही है। बीते दिनों शहर के एक थाने की पुलिस ने कुछ लोगों को नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा।
पकड़ने के साथ ही उनको अदालत में पेश करने के लिए मुलाजिम ले जाने लगे तो एक ने थाना प्रभारी से पूछा कि 'किन्ने दिनां दा रिमांड मंग लइए जनाब'। यह सुनते ही थाना प्रभारी तपाक से बोले, रिमांड लैके की करना, कोरोना थोड़ा ही कराणा ए, लोकां दी सेवा करदे होए करोना हो जाए तां लड़ लांगे, ऐनां मुलजिमां कोलों आ बीमारी लै के केड़ी फीती लवानी ए। जाण दो ऐनां नूं जेल।
तुहाडी भलाई वास्ते घट्ट कीती डीलिंग
शहर में कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए नियम कानून सख्ती से लागू करवाने में जुटी पुलिस खुद की भी सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रही है। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर इस मामले में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। वह लोगों को भी बचाने में लगे हैं और लोगों की सेवा में जुटे अपने अफसरों और मुलाजिमों की सुरक्षा का भी सही ढंग से ख्याल रख रहे हैं।
बीते दिनों पुलिस कमिश्नर दफ्तर में अपनी शिकायतें लेकर आने वाले लोगों की भीड़ काफी बढ़ गई थी। इसे देखते हुए उन्होंने आदेश जारी कर दिए कि पब्लिक डीलिंग को कम कर दिया जाए। एसीपी हरसिमरत सिंह के दफ्तर में भी जब भीड़ बढ़ गई तो उन्होंने सभी से कहा-तुहाडे लोकां दी भलाई वास्ते घट्ट कीती ए पब्लिक डीलिंग, कोई वड्डा केस आला ए, ओ ठहरे, बाकी फोन से शिकायत दस्सण, कम्म हर हाल च होऊ, साड्डी जिम्मेदारी ए।
हटाते हैं, लोग हटते ही नहीं
लोगों को कोरोना से बचाने के लिए पुलिस हरसंभव कोशिश कर रही है। हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। नियम कानून न मानने वालों के चालान काटकर उनसे जुर्माना वसूला जा रहा है, लेकिन लोग मान ही नहीं रहे हैं। सरकार ने लॉकडाउन खत्म कर अनलॉक कर दिया, जिससे समस्या और गंभीर हो गई। डीसी आफिस से लोगों के लिए नियम बनाकर जारी किए जाते हैं लेकिन लोग ही इसे तोड़ रहे हैं।
हाल ही में चालान भुगतने वाली खिड़की खोली गई तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और शारीरिक दूरी रखने के नियम की धज्जियां उड़ाई गईं। कांस्टेबल सुखविंदर से जब एक व्यक्ति ने पूछा कि भाजी नाल जुड़ के खड़े ने लोक, रोकदे क्यों नई, तो उसने कहा, 'भाजी हटाइदा ए, पर कोई सुणदा ही नई, सख्ती करिए ता कैंदे पुलिस तंग करदी या, जे ना करिए ता आपणे नाल दूजेयां दा वी नुकसान करणगे।
तुमने कौनसी हमारी सेवा करनी है
पुलिस कोरोना काल में राशन, दवा सहित अन्य सुविधाएं देने में जुटी हुई है, लेकिन कुछ ऐसे भी पुलिस कर्मी हैं जो शहर की पुलिस का नाम बदनाम करने पर तुले हुए हैं। कभी किसी रेहड़ी वाले से तो कभी किसी दुकानदार से कुछ न कुछ वसूली करते ही रहते हैं। हाल ही में शहर के व्यस्त रहने वाले और कंटेनमेंट एरिया का ठप्पा लगवा चुके इलाके के चौराहे पर स्थित मिल्क बार में ऐसा ही कुछ देखने को मिला।
पुलिस वाले वगार न मिलने पर शाम होते ही मिल्क बार पर पहुंचकर दुकानदार को दुकान बंद करवाने लगे। दुकानदार ने कहा कि अभी तो काफी समय है, तो जवाब मिला तूं केहड़ा साडी सेवा करदा एं, जो दुकान खुली रहण दइए। मिल्क बार के दुकानदार से सामान लेने वाले बाकी के पुलिस मुलाजिमों को जब इस बात का पता चला तो सभी ने खुद थाना प्रभारी से माफी मांगी।
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