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जब मैडम सिद्धू ने बताए अफीम के औषधीय गुण... पढ़ें अमृतसर की और भी रोचक खबरें

डा. नवजोत कौर सिद्धू ने एक कार्यक्रम में अफीम के औषधीय गुणों की तारीफ कर डाली। उन्होंने कहा कि अफीम की मात्र दो-तीन किस्में ही नशे का आदी बनाती हैं। अब लोग कह रहे हैं कि इतने फायदे तो लोगों को भी नहीं पता थे जितने मैडम ने बता दिए।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 09:17 AM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 09:17 AM (IST)
जब मैडम सिद्धू ने बताए अफीम के औषधीय गुण... पढ़ें अमृतसर की और भी रोचक खबरें
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव नवजौत कौर सिद्धू की फाइल फोटो।

विपिन कुमार राणा, अमृतसर। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव डा. नवजोत कौर सिद्धू ने हाल ही में एक कार्यक्रम में अफीम के औषधीय गुणों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अफीम की मात्र दो तीन किस्में ही ऐसी हैं, जो नशे का आदी बनाती हैं जबकि 25 से ज्यादा वरायटी ऐसी हैं, जो दवाइयों में उपयोग होती हैं। जब तक लोग वह लेते थे, तब तक वे चढ़दी कला में रहते थे। ड्रग तो तब शुरू हुई जब अफीम बंद हुई। डा. नवजोत कौर सिद्धू के इस बयान के बाद वहीं पर चर्चा शुरू हो गई कि इतने अफीम के फायदे तो लोगों को भी नहीं पता थे, जितने मैडम ने बता दिए। एक नेता ने तो चुटकी लेते हुए यहां तक कह दिया कि यह तो अफीम खाने का एक और बहाना मिल गया। अब अगर कोई टोकेगा तो उसे कहने वाले बनेंगे कि हम तो वो वाली खा रहे हैं, जो दवाई है।

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पीए ने फंसाई जान

पिछले दिनों कांग्रेस विधायक के पीए की वजह से कारोबारी ने आत्महत्या कर ली। उसने सुसाइड नोट में पीए की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा किया। चुनावी समय में हुए इस घटनाक्रम से सियासत गरमा गई और विपक्षी दलों को विधायक को घेरने का मौका भी मिल गया। वैसे भी पीए की पहले भी शिकायतें थी, पर वह नजरअंदाज होती रही थीं। ऐसे में कारोबारी की आत्महत्या के केस में जब विपक्षियों ने पुरानी पोटली खोली और धरनों में इसे मुखर किया तो विधायक के करीबियों में सुगबुगाहट शुरू हो गई कि पीए ने तो सियासी जान ही फंसा दी। पहले ही विरोधी मौका तलाश रहे थे कि कैसे नेताजी को घेरा जाए। पीए ने उन्हें बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया। पीए साहब की करतूत विधायक को कितना नुकसान पहुंचाती है यह तो आने वाले विधानसभा चुनाव में ही पता चलेगा, लेकिन इससे विधायक की चिंता बढ़ गई है।

चुनाव से पहले की तैयारी

हाल ही में अकाल सहाय सेवा सोसायटी के बैनर तले श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर विचार गोष्ठी करवाई गई। इसमें संघ परिवार के तमाम सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि भी पहुंचे। एकाएक चुनाव से पहले संघ परिवार के सभी घटकों के एक जगह इकट्ठे होने की सियासी गलियारों में खूब चर्चा रही। चर्चा बनी कि चाहे किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा के कदम थमे हुए हैं पर 70 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जिन पर किसानों का प्रभाव बहुत कम है। ऐसे में अपनी ताकत को शहरी क्षेत्रों में लामबंद करने के लिए संघ परिवार ने सहयोगी संगठनों की ताकत इकट्ठी करनी शुरू कर दी है। मंशा इसके पीछे साफ है कि विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले सभी संगठन कमर कस लें। जब भी चुनावी मैदान में उतरने का समय आए तो ज्यादा दिक्कत न आए और सिर्फ मार्गदर्शन से ही काम हो जाए।

हाउस में नपेगा अफसर?

लारेंस रोड टी प्वाइंट पर बिजली घर का कब्जा लेने और उसके बाद जगह पर निगम की मालिकी को लेकर पैदा हुआ विवाद चर्चा में रहा। खुद मेयर ने इसके खिलाफ तलख तेवर रखे, पर उसके बावजूद पहले अधिकारियों ने जगह के पीछे लगती जमीन पर यह कहते हुए दीवार होने दी कि वह प्राइवेट लैंड है, लेकिन जब मेयर ने दोषी अधिकारियों को निगम हाउस में घसीटने की धमकी दी तो अगले दिन खुद कमिश्नर ने मौके पर खड़े होकर दीवार गिरवा दी। अब निगम गलियारे में चर्चा बनी हुई है कि यह काम वैसे तो अधिकारियों को ही अपने स्तर पर करना चाहिए था। अगर मेयर को इसमें दखल देना पड़ा है तो इससे साफ है कि कुछ अधिकारियों की मंशा किसी को लाभ पहुंचाने की थी। अब आने वाले निगम सदन की बैठक में कौन अधिकारी इस पर नपेगा, इसको लेकर विभाग में चर्चाएं छिड़ी हुई हैं।


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