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रीशु बने डब्ल्यूसीओ के प्रधान और निशांत महासचिव

थोक दवाइयों की दिलकुशा मार्केट की होलसेल केमिस्ट आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूसीओ) में चुनावी घमासान रविवार को मतदान के बाद थम गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 09:46 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 09:46 PM (IST)
रीशु बने डब्ल्यूसीओ के प्रधान और निशांत महासचिव
रीशु बने डब्ल्यूसीओ के प्रधान और निशांत महासचिव

जागरण संवाददाता, जालंधर : थोक दवाइयों की दिलकुशा मार्केट की होलसेल केमिस्ट आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूसीओ) में चुनावी घमासान रविवार को मतदान के बाद थम गया। सदस्यों ने पूरे जोश के साथ 271 में से 269 वोट डाले और 23 साल का इतिहास बदल कर गुटबंदी से तैयार होने वाली कार्यकारिणी की परंपरा को खत्म कर दिया। इस बार प्रधान और महासचिव अलग-अलग ग्रुप से जीते। पिछले पांच सालों से डब्ल्यूसीओ के महासचिव रहे रीशु वर्मा प्रधान तथा निशांत चोपड़ा महासचिव निर्वाचित किए गए। निशांत चोपड़ा पहली बार चुनाव जीते हैं।

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रविवार को सुबह ही चुनाव को लेकर सदस्यों में खासा उत्साह था। चुनाव स्थल होटल ¨कग्स में चुनाव अधिकारी सर्वमीत ¨सह आहुजा, संजय चोपड़ा तथा करुनेश ने समय पर पहुंचने वाले सदस्यों के लिए लक्की ड्रा निकाला और पांच सदस्यों को पांच पांच सौ रुपये के उपहार दिए। इसके बाद चुनाव मैदान में उतरे प्रधान पद के उम्मीदवार रीशु वर्मा, गोपाल कृष्ण चुघ तथा महासचिव पद के उम्मीदवार निशांत चोपड़ा व संजीव पुरी ने सदस्यों को संबोधित किया और वोट मांगे। इसके बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही वोट डालने वाले सदस्यों की लंबी लाइनें लग गई। मतदान शाम चार बजे तक चला। मतगणना के बाद चुनाव अधिकारियों ने अगले तीन साल के लिए प्रधान पद के लिए रीशु वर्मा और महासचिव पद के लिए निशांत चोपड़ा को नवनिर्वाचित घोषित कर दिया। विजेताओं की घोषणा होते ही उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उनका पुष्पमाला पहना स्वागत किया गया और लड्डू बांटे। इसके बाद विजेता उम्मीदवार और उनके समर्थक ढोल की ताल पर जमकर नाचे। हमारे लोगों के वोट काटे गए : गोपाल कृष्ण

चुनाव में प्रधान पद से हारे उम्मीदवार गोपाल कृष्ण चुघ ने आरोप लगाए कि पिछली कार्यकारिणी ने उनके काफी साथियों के वोट सूची से कटवा दिए थे तथा नई सूची में अपने नजदीकी समर्थकों के वोट बनवा दिए। चुनाव कमेटी भी अपनी ही मर्जी से गठित की। चुनाव की घोषणा के बाद उसी वोटर सूची पर चुनाव लड़ने के लिए चुनाव कमेटी भी अड़ी रही। चुनावी प्रक्रिया के दौरान भी चुनाव कमेटी व पुरानी कार्यकारिणी ने अपनी मनमर्जी की। मिली जुली कार्यकारिणी हो सकती है सुस्त

पिछले 23 साल से एक ही ग्रुप से प्रधान और सचिव चुन कर कार्यकारिणी गठित होती रही है। इस बार सदस्यों ने ग्रुप को नहीं बल्कि उम्मीदवार की काबिलियत के आधार पर मतदान किया है। नतीजतन ग्रुपबंदी टूट गई। प्रधान और महासचिव दोनों अलग-अलग ग्रुप से चुन कर आए हैं। दोनों ग्रुप में तालमेल का अभाव और गुटबंदी मार्केट के विकास और समस्याओं के समाधान की राह में बाधा खड़ी कर सकती है। चुनाव नहीं समागम का माहौल था

दिलकुशा मार्केट एसोसिएशन के चुनाव होटल में करवाए गए थे। चुनावी माहौल एक समागम की तरह था। पूरे दिन मतदाताओं ने जलपान व खाने का लुत्फ उठाया। सदस्य बोले अगर मार्केट में चुनाव होते तो भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ता और मतदान दर में भी गिरावट हो सकती थी। मतदाताओं ने पूरा दिन चुनावी गर्मी के माहौल में होटल की ठंडक में छुट्टी का आनंद लिया। सभी वायदे पूरे करेंगे : निशांत चोपड़ा

प्रोग्रेसिव ग्रुप की ओर से महासचिव बने निशांत चोपड़ा ने बताया कि उन्होंने चुनावी घोषणा पत्र में जो वायदे किए हैं उन्हें हर हाल में पूरा किया जाएगा। जनरल हाउस में हर मुद्दे को रखा जाएगा और पूरे बहुमत के साथ उसे लागू करवाया जाएगा। वे अपने ग्रुप के वरिष्ठ सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही फैसला लिया करेंगे। आपस में मिल कर करेंगे सभी काम

निर्वाचित प्रधान रीशु वर्मा ने बताया कि वो गुटबंदी से उठकर मार्केट के हितों के लिए काम करेंगे। उन्होंने नवनिर्वाचित सचिव निशांत चोपड़ा के साथ मिल कर बेहतर तालमेल बनाने की बात कही। उन्होंने मार्केट के दुकानदारों से जो वायदे किए गए है उनको पूरा किया जाएगा। पार्किंग समस्या, शोचालय , सपाई व अन्य समस्याओं का समाधान करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा विकास के कामों में पक्ष और विपक्ष की दूरियों को खत्म किया जाएगा। प्रधान पद के लिए पड़े वोट

रीशु वर्मा-152

गोपाल कृष्ण चुघ-115

दो वोट रद हुए सचिव पद

निशांत चोपड़ा-160

संजीव पुरी-106

तीन वोट रद हुए साल प्रधान महासचिव

1995-1999 दर्शन ¨सह राकेश गुप्ता

1999-2009 एसपी महेन्द्रू योगेश महाजन

2009-2011 अतुल सूद गोपाल कृष्ण चुघ

2011 -2013 गोपाल कृष्ण चुघ अमित कुमार

2013-2018 राकेश गुप्ता रीशु वर्मा


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