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सावधान : 18-20 ट्यूबवेल वेंटीलेंटर पर, शहर में बढ़ सकता है जल संकट

जासं, जालंधर : यदि आप पेयजल की बर्बादी को लेकर गंभीर नहीं हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि आने वाले दि

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 05:27 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 05:27 PM (IST)
सावधान : 18-20 ट्यूबवेल वेंटीलेंटर पर, शहर में बढ़ सकता है जल संकट
सावधान : 18-20 ट्यूबवेल वेंटीलेंटर पर, शहर में बढ़ सकता है जल संकट

जासं, जालंधर : यदि आप पेयजल की बर्बादी को लेकर गंभीर नहीं हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि आने वाले दिनों में शहर में पेयजल संकट गहरा सकता है। कारण, शहर के पुराने और बस्तीयात क्षेत्र में लगे 18 से 20 ट्यूबवेल अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। ऐसे में वह वर्तमान समय में वेंटिलेटर पर चल रहे हैं और कभी भी दम तोड़ सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो शहरवासियों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि नगर निगम प्रशासन वेंटिलेटर पर चल रहे ट्यूबवेल को लेकर गंभीर है और इनके स्थान पर नए लगाने के लिए एस्टीमेट भी तैयार कर चुका है, लेकिन हाउस की मीटिंग न होने के कारण योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही है।

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निगम अधिकारियों का कहना है कि हाउस की मीटिंग में प्रस्ताव पास होने के बाद भी ट्यूबवेल लगने में चार से पांच माह का समय लग सकता है। ऐसे में तब तक गर्मी का सीजन निकल जाएगा। निगम प्रशासन वर्तमान में 523 ट्यूबवेल से 350 एमएलडी पेयजल की सप्लाई कर रहा है। अधिकारियों की मानें तो शहरवासी रोजाना करीब 100 एमएलडी पेयजल की वेस्ट कर रहे हैं। जोकि गंभीर मामला है। हालांकि पेयजल की बर्बादी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस संदर्भ में टीम का गठन कर सर्वे किया जा रहा। इसके बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। मोटर्स पर बढ़ा दबाव, सड़ने की संख्या बढ़ी

नगर निगम प्रशासन ने मेयर जगदीश राज राजा के आदेश पर एक साल बाद एक जून से फिर से दोपहर में 12 से 2 बजे तक पेयजल सप्लाई शुरू कर दी है। इससे ट्यूबवेल के मोटरों पर दबाव बढ़ गया है, जिससे सड़ने वाली मोटरों की संख्या में इजाफा हुआ। मोटरों के लगातार सड़ने से शहर के कई क्षेत्रों में पेयजल की समस्या भी बढ़ गई है। क्योंकि सड़ी मोटरों को ठीक होने में दो से चार दिन का समय लग रहा है। पुराने इलाके व बस्तीयात में अधिक समस्या

पेयजल की सबसे अधिक समस्या शहर के पुराने इलाके और बस्तीयात क्षेत्र में है। कारण, यहां के ट्यूबवेल और मोटर काफी पुराने हैं। नगर निगम के एक्सईएन सतिंदर कुमार की मानें तो एक ट्यूबवेल के मोटर की कार्यक्षमता करीब 12 से 13 साल की होती है। लेकिन यहां की मोटरें 15 से 20 साल से भी पुरानी हैं। ऐसे में यह मोटरें किसी भी समय जवाब दे सकती हैं। निगम के ओएंडएम ब्रांच के अधिकारी मानते हैं कि इन दिनों औसतन हर जोन में दो-तीन मोटरें सड़ रही हैं। इससे पानी की सप्लाई बाधित होती है। हालांकि, अधिकारी मानते हैं कि यह रूटीन का हिस्सा है। एस्टीमेट तैयार, हाउस बैठक का इंतजार

निगम प्रशासन द्वारा नये ट्यूबवेलों के एस्टीमेट भी तैयार कराए जा चुके हैं, लेकिन हाउस की बैठक न होने से फैसला नहीं लिया जा सका है। इस संबंध में एसई किशोर बांसल का कहना है कि दो से तीन ट्यूबवेलों के खराब होने की जानकारी है। शहर के किसी भी इलाके में लोगों को पीने के पानी की सप्लाई में कमी नहीं होने दी जा रही है। आवश्यकता पर टैंकरों से सप्लाई की जा रही है। मॉडल हाउस समेत कई इलाकों में पेयजल किल्लत

ओएंडएम ब्रांच के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर के सरस्वती विहार, मॉडल हाउस, भगत सिंह, संजय गांधी सहित कई अन्य इलाकों में पेयजल की समस्या है। ऐसे में कई इलाकों में टैंकरों से पेयजल की सप्लाई की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि ट्यूबवेल पुराने होने से प्रेशर से पानी नहीं आ रहा। इस पर दोपहर की सप्लाई से पुराने ट्यूबवेलों पर लाड़ और अधिक हो गया है। किस जोन के कितने ट्यूबवेल डेंजर जोन में

निगम के सूत्रों के मुताबिक जोन नंबर तीन में दो ट्यूबवेल, जोन नंबर चार में चार ट्यूबवेल, जोन नंबर पांच दो ट्यूबवेल सहित शहर के अन्य जोन में भी कुछ ट्यूबवेल बीस साल से अधिक समय से चल रहे हैं और हांफ चुके हैं। सबसे ज्यादा पानी की बर्बादी करते हैं वाशिंग सेंटर

150 से अधिक हैं शहर में वाशिंग सेंटर

8000 लीटर एक दिन में होता है पानी बर्बाद

5000 रुपये निगम करेगा जुर्माना

80 वार्डो में नगर निगम करवा रहा है सर्वे

400 लीटर पानी होता है एक वाहन धोने में बर्बाद

08 हजार लोगों की बुझ सकती है प्यास

135 लीटर पानी एक दिन में करता है एक व्यक्ति प्रयोग

350 एमएलडी पेयजल की निगम करता है सप्लाई

150 एमएलडी पेयजल की होनी चाहिए सप्लाई क्या कहते हैं पार्षद

- वार्ड नंबर दो के पार्षद सुशील शर्मा का कहना है कि उनके वार्ड के स्वर्ण पार्क इलाके सहित कई मोहल्लों में पानी सप्लाई में दिक्कत है। कहा कि ट्यूबवेल से प्रेशर से सप्लाई नहीं होने के चलते कई घरों में पानी पहुंच ही नहीं रहा। - वार्ड नंबर 6 के पार्षद निर्मल ¨सह निम्मा ने कहा कि उनके वार्ड में हालांकि तीन नये ट्यूबवेल लगाए गए हैं। पर अभी भी उनके वार्ड के कुछ इलाकों में अभी भी जल संकट बना हुआ है। कहा कि तीन और ट्यूबवेल लगने के बाद कुछ मुश्किल हल होगी। - वार्ड नंबर के पार्षद 16 बलजीत ¨सह ¨प्रस का कहना है कि उनके वार्ड में भी संतनगर, गोबिंदगढ़ में भी पानी सप्लाई की दिक्कत है। - वार्ड नंबर 38 के पार्षद ओंकार टिक्का कहना है कि उनके वार्ड में ट्यूबवेल ठप हुए दो सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है। भगत ¨सह नगर के लोगों को टैंकर से पानी सप्लाई किया जा रहा है।


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