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वार्ड नंबर 26 के पार्षद रोहन सहगल का इस्तीफा, सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए

रोहन सहगल विधायक परगट सिंह के करीबी हैं और उनके साथ ही अकाली दल छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह एलईडी प्रोजेक्ट में घोटाले के आरोप लगाने को लेकर चर्चा में रहे थे

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 08:32 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 10:00 AM (IST)
वार्ड नंबर 26 के पार्षद रोहन सहगल का इस्तीफा, सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए
वार्ड नंबर 26 के पार्षद रोहन सहगल का इस्तीफा, सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए

जारगण संवाददाता, जालंधर। सफाई व्यवस्था से नाराज वार्ड नंबर 26 से कांग्रेसी पार्षद रोहन सहगल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सहगल ने अपना इस्तीफा लोकल बाडी मंत्री नवजोत सिद्धू, विधायक परगट सिंह और मेयर जगदीश राजा को भेजा है। उन्होंने नगर निगम की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए इस्तीफा देने का कारण सफाई और सीवरेज व्यवस्था बताया है। उनका कहना है कि एक साल में वह इलाके के लोगों को सफाई व्यवस्था तक नहीं दे पाए हैं। लोगों ने जिन कारणों से उन्हें चुना था, उस लक्ष्य को वह पूरा नहीं कर पा रहे हैं और अपनी ही नजरों में गिर गए हैं। इसलिए इस्तीफा देना ही बेहतर है।

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बता दें कि रोहन सहगल विधायक परगट सिंह के करीबी हैं और उनके साथ ही अकाली दल छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। इससे पहले वह एलईडी प्रोजेक्ट में घोटाले के आरोप लगाने को लेकर चर्चा में रहे थे और प्रोजेक्ट को रद करवा दिया था। लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। एक दिन पहले ही अवैध निर्माण के खिलाफ यूथ कांगेस प्रधान ने निगम में धरना दिया था। कांग्रेस नेताओं ने निगम में करोड़ों के डीजल घोटाले का आरोप लगाया था।

अब मेयर के हाथ में रोहन की काउंसलरशिप

रोहन सहगल ने अपना इस्तीफा लोकल बॉडी सेक्रेटरी को भेजने की बजाए मेयर, विधायक और लोकल बाडी मंत्री को भेजा है। इसे राजनीतिक दबाव के लिए इस्तीफा देना माना जाता है लेकिन म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट की धारा 36-2 के तहत मेयर भी इस पर फैसला ले सकते हैं। एक्ट के इस सेक्शन में लिखा है कि अगर कोई पार्षद अपना इस्तीफा मेयर को सौंपता है और मेयर इसे नगर निगम कमिश्नर को फॉरवर्ड कर देते हैं तो रोहन का इस्तीफा स्वीकार माना जाएगा और हाउस में यह सीट खाली हो जाएगी।

19 कॉलोनियां, 8 बाजार, सफाई सेवक सिर्फ 13

पार्षद रोहन सहगल ने कहा कि लोगों की सेवा करने आया था। चुनाव जीता लेकिन एक साल में अपने वार्ड में पूरी तरह से सफाई भी नहीं करवा सका। वार्ड में 19 बड़ी कॉलोनियां हैं, 8 बड़ी मार्केट हैं लेकिन इकनी सड़कों की सफाई के लिए सिर्फ 13 सफाई सेवक मिले हैं। नगर निगम के 80 वार्डों में अगर 1800 मुलाजिमों को सही अनुपात में बांटा जाए तो भी उन्हें 23 सफाई सेवक मिलने चाहिए थे। 2 महीने से वार्ड में कोई सुपरवाइजर नहीं है। एक दिन तो सुबह 7 बजे कमिश्नर के साथ हाजरी लगाने के लिए तय जगह पर सफाई सेवकों का इंतजार किया लेकिन एक भी सफाई सेवक नहीं आया।

रोहन को मना लेंगे : मेयर

मेयर जगदीश राजा ने कहा कि रोहन की नाराजगी गलत नहीं है। शहर में सफाई का सिस्टम खराब रहा है लेकिन अब इसमें सुधार कर रहे हैं। रोहन सहगल की शिकायतें भी दूर होंगी। उन्हें मिलकर मना लूंगा। सफाई के सिस्टम को लेकर अफसरों से मीटिंग करूंगा। इसे जल्द ठीक करना होगा। सफाई व्यवस्था सबसे जरुरी काम है। इसे इग्नोर नहीं किया जा सकता।

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