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जालंधर में चर्चा में आई सियासी दुश्मन रहे विजय सांपला की सोम प्रकाश को खिलाई बर्फी

जालंधर की राजनीति में लंबे समय से अंदरखाते एक दूसरे के सियासी दुश्मन रहे भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के सुर अब एक दूसरे से मिलने लगे हैं। विजय सांपला की ताजपोशी के दौरान सोम प्रकाश भी मौजूद थे।

By Rohit KumarEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 08:52 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 06:15 PM (IST)
जालंधर में चर्चा में आई सियासी दुश्मन रहे विजय सांपला की सोम प्रकाश को खिलाई बर्फी
सियासी दुश्मन रहे भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के सुर अब एक दूसरे से मिलने लगे हैं।

जालंधर, मनोज त्रिपाठी। सियासत जो न करवाए कम है। लंबे समय से अंदरखाते एक दूसरे के सियासी दुश्मन बन कर चल रहे भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के सुर अब एक दूसरे से मिलने लगे हैं। दलित राजनीति को लेकर एक दूसरे की जड़ें काटने में लगे दोनों नेता अब एक साथ एक मंच पर दिखने लगे हैं। बीते दिनों विजय सांपला को पार्टी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन बनाया है।

चेयरमैन की कुर्सी पर सांपला की ताजपोशी को लेकर गत बुधवार को दिल्ली में एकत्रित हुए भाजपा नेताओं में सोम प्रकाश भी शामिल थे। विजय सांपला ने ताजपोशी के बाद मौके पर मौजूद नेताओं की बधाई ली और एक दूसरे का मुंह भी मीठा करवाया, लेकिन सांपला ने जब सोम प्रकाश का बर्फी से मुंह मीठा करवाया तो सभी की नजरें उन्हीं पर टिकी रहीं। आखिर हो भी क्यों ना, दोनों नेता दोआबा में दलित राजनीति में पैठ रखते हैं।

विधायकों पर भारी पड़ने लगे मेयर
जालंधर की सियासत का लंबे समय से केंद्र बिंदु बने मेयर जगदीश राज राजा अब विधायकों पर भारी पड़ने लगे हैं। पहले तीन साल के कार्यकाल में शहर के चारों विधायक मेयर के ऊपर भारी पड़ते रहे। भ्रष्टाचार और विकास कार्यों को लेकर विधायकों ने मुख्यमंत्री दरबार से लेकर सरकार के स्तर तक पर मेयर और उनकी टीम की पोल खोली। मेयर चुपचाप सब कुछ बर्दाश्त करते रहे।

कार्यकाल के तीन साल पूरे होने के बाद मेयर जगदीश राजा ने अब सियासत की सारी कमान खुद संभाल ली है और एक-एक घोटाले की परतें खोलने में लगे हुए हैं। इसके लिए मेयर की कूटनीति में नगर निगम के तमाम पार्षदों सहित मुलाजिम भी उलझ गए हैं, लेकिन मेयर का सीधा निशाना विधायकों पर है। तीन साल में विधायकों ने जिन कामों में दबाव बनाकर अपना उल्लू सीधा किया था, अब मेयर ने उन्हीं की परतें खोलनी शुरू कर दी हैं।

न दलील काम आ रही, न अपील
कोरोना काल से अभी तक लोग उबर नहीं पाए हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना के दोबारा से बढ़ते प्रभाव ने सिद्ध कर दिया है कि अभी खतरा टला नहीं है। केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बाद वैक्सीन लांच कर दी गई है। अधिकारियों की दलील थी कि वैक्सीन लगने के बाद खतरा टल जाएगा। इसके बाद हेल्थ वर्करों और फ्रंट लाइनर्स को वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाने लगी।

इसके लिए जिलाधिकारी सहित पुलिस कमिश्नर, एसएसपी सहित अन्य अधिकारी अपने-अपने विभागों के फ्रंटलाइनर्स से लगातार अपील कर रहे हैं कि वो वैक्सीन लगवाएं और खुद को और परिवार को कोरोना से बचाएं, लेकिन फ्रंटलाइन पर कोरोना के योद्धा के रूप में काम करने वाले सैकड़ों मुलाजिमों पर इस अपील का खास असर नहीं दिखाई दे रहा है। हालात यही रहे तो आने वाले समय में एक बार फिर सभी के लिए कोराना से लड़ाई बड़ी चुनौती साबित होगी।

नेताओं को पढ़ाने में लगे मुलाजिम
शहर में चर्चित विज्ञापन घोटाले को लेकर निगम की सियासत तेज हो गई है। इसमें मेयर और मुलाजिम आमने-सामने हैं। शहर में विज्ञापन के नाम पर आज से नहीं सालों से घोटाला चल रहा है। विज्ञापन लगाने वाली कंपनी को 2005 में निगम ने रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का ठेका दिया था। 12 करोड़ में पूरा शहर कंपनी के पास विज्ञापन के लिए निगम ने 'गिरवी' रख दिया था। बाद में पोल खुली तो आरओबी दूसरी कंपनी से बनवाया गया, लेकिन घोटाला होता रहा।

अब माडल टाउन इलाके में विज्ञापन घोटाले की पोल खुली तो आवाज उठाने वाली पार्षद नीरजा जैन को निगम के सुपरिंटेंडेंट मनदीप ने मानहानि के मामले में कठघरे में खड़ा कर दिया। इसके बाद से पार्षदों की चिंता बढ़ गई है। साथ ही नसीहत भी मिली कि आवाज उठाने में बुराई नहीं, लेकिन कम से निगम के एक्ट के बारे में तो जानकारी हासिल कर लें।

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