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जालंधर में श्रमिकों से लूट व अवैध बसों के परिचालन को लेकर हंगामा, बिहार भी नहीं जा पाए, पैसे भी गए, रातभर सड़कों पर भटके

संपूर्ण लाकडाउन की आशंका के चलते अपने गृह राज्यों को लौट रहे श्रमिकों को प्राइवेट बस संचालक जमकर लूट रहे हैं। वे कोविड नियमों की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं। बुधवार रात उनके इसी खेल का पर्दाफाश हो गया और हाईवे पर तीन घंटे जमकर बवाल हुआ।

By Vinay KumarEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:49 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:49 AM (IST)
जालंधर में श्रमिकों से लूट व अवैध बसों के परिचालन को लेकर हंगामा, बिहार भी नहीं जा पाए, पैसे भी गए, रातभर सड़कों पर भटके
जालंधर में प्राइवेट बस में लगी भीड़।

जालंधर, जेएनएन। संपूर्ण लाकडाउन की आशंका के चलते अपने गृह राज्यों को लौट रहे श्रमिकों को प्राइवेट बस संचालक जमकर लूट रहे हैं। वे कोविड नियमों की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं और किराया के नाम पर दोगुना पैसे भी वसूल रहे हैं। बुधवार रात उनके इसी खेल का पर्दाफाश हो गया और हाईवे पर तीन घंटे जमकर बवाल हुआ। उसके बाद पुलिस एक निजी बस को थाने ले गई और सभी सवारियों को वहीं उतार दिया गया। न तो किसी भी श्रमिक के पैसे लौटाए गए और न ही रात को किसी के ठहरने की व्यवस्था की गई। बवाल रात करीब साढ़े आठ बजे शुरू हुआ जब जालंधर एकता टैक्सी यूनियन के सदस्यों ने गुरदासपुर से आ रही एक निजी बस को रोक लिया।

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पीएपी से रामा मंडी जाते रोड पर रोकी गई बस में 100 से ज्यादा सवारियों को बिठाया गया था। श्रमिकों से भरी ये बस पंजाब से बिहार जा रही थीं।सभी से 2200 से 2400 रुपये लिए गए थे। यूनियन सदस्यों का तर्क था कि जब उनको पचास फीसद सवारियों के साथ चलने की अनुमति है तो निजी बस पर इतनी मेहरबानी क्यों। इसी बात से बस के ड्राइवर व यूनियन सदस्यों में नोक-झोंक हो गई। एक-एक के वहां से गुजरने वाली करीब दस निजी बसों को रोक लिया गया। उन बसों में भी तय संख्या से अधिक सवारियां मिली। विरोध होता देख निजी बस के ड्राइवरों व कंडक्टरों ने वहीं पर रोडवेज की बसों को भी रोकना शुरू कर दिया। इसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया। आपसी सहमति से बाकी बसों को तो रवाना कर दिया गया लेकिन सबसे पहले रोकी गई बस को नहीं जाने दिया गया। रात करीब 11 बजे बस को थाने ले जाया गया। पुलिस ने देर रात तक बस संचालक या ड्राइवर पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। थाना प्रभारी अजायब ङ्क्षसह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद बनती कार्रवाई की जाएगी।

रोज दर्जनों बसें ऐसे ही भरकर जा रहीं, पुलिस ने बंद कर रखी हैैं आंखें
कोरोना की गाइडलाइंस में साफ किया गया है कि इंटर स्टेट बस सर्विस बंद रहेगी लेकिन बावजूद इसके इन बसों को बिना किसी आदेश के गुरदासपुर से बिहार ले जाया जा रहा था। रोजाना जालंधर से दर्जनों बसें श्रमिकों को लेकर जा रही हैं लेकिन पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। न तो उनको किसी नाके पर रोका जाता और न ही इसे रोकने के लिए कोई अभियान चलाया जाता। बुधवार को भी पुलिस को इसलिए खानापूर्ति करनी पड़ी क्योंकि टैक्सी यूनियन ने हाईवे पर ही बवाल कर दिया था और मौके पर सौ से ज्यादा सवारियां मिली थी।

दैनिक जागरण ने उठाया था मामला
दैनिक जागरण ने एक दिन पहले बसों के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ले जाने का मामला उठाया था। बताया था कि बस में सवारियों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया है और सवारियों को पूर्णिया व गोरखपुर ले जाया जा रहा है। नाके पर भी पुलिस की आंखों के सामने ये बसें गुजरती भी दिखाई दीं थी।

गुरदासपुर से 40 सवारियों को लेकर चली बस, जालंधर पहुंचते ही सौ से ज्यादा सवारियां
पुलिस ने बस को चेक किया तो एक-एक सीट पर तीन-तीन यात्री बैठे मिले। कुछ यात्रियों को बसों के गलियारों में फर्श पर बिठाया गया था। गुरदासपुर से चलने के दौरान इस बस में 40 लोगों को बिठाया गया था। बस होशियारपुर पहुंची तो वहां भी बीस और लोगों को बिठाया गया। जालंधर पहुंचते पहुंचते बस में सवारियों की संख्या सौ हो गई।

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