अकाली नेता के भाई की कोरोना रिपोर्ट में भिन्नता आने पर सिविल में हंगामा
कोरोना रैपिड टेस्ट रिपोर्ट दो जगह पर अलग-अलग आने के बाद परिवारवालों ने सिविल अस्पताल परिसर में प्रशासन पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
संवाद सहयोगी, करतारपुर : अकाली दल के पूर्व पार्षद मनजीत सिंह के भाई हरजीत सिंह की कोरोना रैपिड टेस्ट रिपोर्ट दो जगह पर अलग-अलग आने के बाद परिवारवालों ने सिविल अस्पताल परिसर में प्रशासन पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
पीड़ित के भाई मनजीत सिंह तथा परिवारवालों ने बताया कि सात अगस्त को हरजीत सिंह ने एक प्राइवेट अस्पताल में कोरोना रेपिड टेस्ट करवाया था जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इसके बाद तसल्ली के लिए आठ अगस्त को दोबारा सिविल अस्पताल करतारपुर में टेस्ट करवाया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। दोनों अस्पतालों में अलग-अलग रिपोर्ट आने के बाद सिविल अस्पताल करतारपुर में रैंडम सैंपलिग भी करवाई गई जिसकी रिपोर्ट तीन दिन बाद आती है। इसलिए हरजीत सिंह को एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां पर 35 से 40 हजार रुपये तक रोजाना खर्च आ रहा है। आज जब घरवालों ने सिविल अस्पताल में रैंडम रिपोर्ट बारे जानकारी लेनी चाही तो अस्पताल में मौजूद लोगों ने बताया कि उनका सैंपल तो भेजा ही नहीं। घरवालों ने सिविल अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सिविल अस्पताल में हंगामा कर दिया तथा ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने पर एसएमओ के तबादले की मांग की। हंगामे को देखते हुए डीएसपी परमिदर सिंह, थाना प्रभारी सिकंदर सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे और लोगों को शांत किया।
इस संबंध में सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि अस्पताल के नियमों व गाइडलाइंस के अनुसार दो सैंपल लिए जाते हैं जिसमें यदि रैपिड सैंपल में रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है तो उसी रिपोर्ट को ही सही माना जाता है। यदि रैपिड टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आए और मरीज में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो दूसरा सैंपल आरटीपीसीआर के लिए फरीदकोट या अमृतसर भेजा जाता है। हरजीत सिंह कोरोना पॉजिटिव था, इसीलिए उसे उपचार के लिए भेजा गया।