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जालंधर में लागू होगी ई-चालान व्यवस्था, रेड लाइट जंप या स्पीड वायलेशन करने पर घर पहुंचेगा चालान

Jalandhar Smart City Project स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर-आFसीसीसी प्रोजेक्ट से शहर में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाना है। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट से ट्रैफिक व्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद की गई है।

By Edited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 06:45 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 11:36 AM (IST)
जालंधर में लागू होगी ई-चालान व्यवस्था, रेड लाइट जंप या स्पीड वायलेशन करने पर घर पहुंचेगा चालान
इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट से ट्रैफिक व्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद की गई है।

जालंधर, जेएनएन। स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर-आईसीसीसी प्रोजेक्ट से शहर में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाना है। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट से ट्रैफिक व्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद की गई है। इसका उद्देश्य शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के साथ-साथ दुर्घटनाएं रोकना और नियमों के उल्लंघन में कमी लाना है। नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा कसने के लिए ई-चालना व्यवस्था लागू की जाएगी।

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रेड लाइट वायलेशन, स्पीड वायलेशन पर फोकस किया जाएगा और इसके लिए मुख्य ट्रैफिक लाइटस और क्रा¨सग पर विशेष कैमरे लगाए जाने हैं। रेड लाइट वायलेशन और स्पीड वायलेशन समेत अन्य नियमों के उल्लंघन पर वाहनों का ई-चालान होगा। इस व्यवस्था के तहत कैमरे नियम तोड़ने वाले वाहनी की विभिन्न एंगल से फोटो लेकर कंट्रोल रुम में भेजेगा। कंट्रोल रूम में रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी में दर्ज सभी वाहनों का डाटा स्टोर रहेगा। ड्राइ¨वग लाइसेंस का रिकार्ड भी उपलब्ध रहेगा।

कैमरे नियम तोड़ने वाले वाहन की नंबर प्लेट की जांच भी करेंगे। नंबर प्लेट के आधार पर रिकार्ड में दर्ज डाटा से वाहन मालिक की पहचान करके चालान उसके पते पर भेजा जाएगा। इसका यह फायदा भी रहेगा कि जैसे ही साफ्टवेयर में किसी वाहन का नंबर फीड करेंगे तो यह रिकार्ड भी सामने आए जाएगा कि कहीं यह वाहन चोरी या किसी आपराधिक घटना में इस्तेमाल तो नहीं हुआ है। इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ट्रैफिक को सुचारू करके लोगों के समय की बचत करना है।़

इमरजैंसी वाहनों जैसे एंबुलेंस, पुलिस वाहन के लिए रास्ता तय करना। वीआईपी मूवमेंट वाली सड़कों पर ट्रैफिक कंट्रोल रखना, भीड़ वाले इलाकों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का प्रबंध करना भी लक्ष्य में शामिल है। आईसीसी प्रोजेक्ट के लिए टेंडर 24 मार्च को ओपन होना है। शहर में स्पेशल कैमरों से निगरानी करने के इस प्रोजेक्ट को 9 महीने में पूरा करना होगा।

स्पीड लिमिट के लिए भी उपकरण लगेंगे

आईसीसीसी प्रोजेक्ट के तहत शहर में कई प्रमुख सड़कों पर स्पीड वायलेशन करने वाले की पहचान करने वाले उपकरण लगाए जाएंगे। सड़क पर वाहनों के लिए तय लिमिट इस उपकरण में दर्ज रहेगी और अगर कोई वाहन तय स्पीड से ज्यादा पर चलेगा तो उस वाहन और नंबर प्लेट की फोटो कंट्रोल रुम में भेजी जाएगी। ऐसे वाहन का चालान होगा। इससे दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

नंबर प्लेट और चेहरे की पहचान कर सकेंगे कैमरे

वाहनों की नंबर प्लेट पढ़ने और चेहरों की पहचान करने में भी सक्षम होंगे। वाहन के नंबर की पहचान से वाहन का पूरा रिकार्ड पता लगाया जा सकेगा। इसी तरह चेहरा पहचान की पता लगाया जा सकेगा कि नियम तोड़ने वाला कोई अपराधी तो नहीं है। कैमरों में संदिग्ध व्यक्तियों का रिकार्ड दर्ज रहेगा जो चेहरों की पहचान में आसानी करेगा।

पैदल रास्तों की लाइट्स भी कंट्रोल में रहेंगी पेलिकन सिग्नल यानि पैदल चलने वालों के लिए लगाई जाने वाली ट्रैफिक लाइट्स को भी कंट्रोल में रख जाएगा। सड़क पार करते समय ग्रीन मैन और रेड मैन का सिग्नल किया जा सकेगा। इसके लिए एक पुश बटन लगाया जाएगा और पैदल चलने वाले सड़क क्रास करते समय इस बटन कसे इस्तेमाल करके वाहनों का ट्रैफिक रोक सकेंगे। इससे बुजुर्गों और दिव्यागों को सड़क क्रास करने में राहत मिलेगी। पेलिकन सिग्नल लगाने के लिए ट्रैफिक लाइटस भी तय की जा रही हैं।

ट्रैफिक में सुधार के तय किए लक्ष्य

- सड़कों पर गलत पार्किंग पर चालान

- रांग साइड ड्राइविंग

- सड़कों पर वाहन रोकना

- वाहनों की धीमी गति का कारण पता लगाना

- भीड़ वाले इलाकों की पहचान करना

- प्रतिबंधित इलाकों में संदिग्ध लोगों पर नजर

- पैदल रास्ते पर गलत दिशा में चलना

- लावारिस वस्तुओं पर नजर

- मनुष्यों, जानवरों और गाड़ियों की पहचान

- व्यवहार के आधार पर लोगों की पहचान

- दुर्घटनाओं का पता लगाना

- किसी खास वाहन को रंग, नंबर प्लेट और स्पीड के आधार पर ट्रैक करना

- प्रतिबंधित वाहनों का पता लगाना


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