हड़ताल पर जाने वाले कर्मी का सर्विस में लगेगा ब्रेक
पंजाब पनबस रोडवेज कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की 16 से लेकर 18 जुलाई की प्रस्तावित हड़ताल को सरकार ने गैर-कानूनी बताया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : पंजाब पनबस रोडवेज कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की 16 से लेकर 18 जुलाई की प्रस्तावित हड़ताल को सरकार ने गैर-कानूनी बताया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर इस हड़ताल में कोई भी ठेका मुलाजिम, पंजाब रोडवेज या पनबस का रेगुलर कर्मी भाग लेगा, तो उसपर नो वर्क नो पे का नियम लागू होगा। वेतन कटने पर इसे सर्विस में ब्रेक माना जाएगा। उधर हड़ताल की घोषणा करने वाले कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने इसे सरकार की दमनदारी नीति बताया है और हड़ताल पर जाने को अडिग हैं।
पनबस वर्कर्स यूनियन डिपो-1 के प्रधान विक्रमजीत ¨सह ने कहा है कि सरकार कितना भी दमन कर ले, लेकिन वे अपनी जायद मांगों के लिए संघर्ष करेंगे। हड़ताल के लिए खुद परिवहन मंत्री जिम्मेदार हैं। उन्होंने शाहकोट चुनाव में मांगे सही मानते हुए मांगे पूरी करने का भरोसा दिया था। चुनाव जीतते ही वह मुकर गए। सरकार को कार्रवाई करनी है तो परिवहन मंत्री पर करें।
शुक्रवार को डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट के प्रबंधकीय अफसर ने प्रदेश के सभी डिपो महाप्रबंधकों को पत्र भेजकर कहा है कि 16 से लेकर 18 जुलाई तक डिपो पर मौजूद रहें। कोई भी मुलाजिम महाप्रबंधक की पूर्व अनुमति के बिना इस दौरान छुट्टी नहीं करेगा। साथ ही महाप्रबंधकों को भी निर्देश दिए हैं कि कोई भी महाप्रबंधक अगर इन तीन दिनों में डिपो पर उपस्थित नहीं रहता है तो उसे अनुशासनहीनता मानते हुए उसपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई मुलाजिमों बसों का संचालन रोकने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही हड़ताल को गैर कानूनी घोषित किए जाने की सूचना डिपो को नोटिस बोर्ड पर चस्पा दी जाए।