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सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर सालाना चार्ज और बस ट्रांसपोर्टेशन खर्च मांगे तो अभिभावकों ने किया विरोध

मॉडल टाउन स्थित एक स्कूल के बाहर अभिभावकों ने फीस को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 01:55 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 05:06 AM (IST)
सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर सालाना चार्ज और बस ट्रांसपोर्टेशन खर्च मांगे तो अभिभावकों ने किया विरोध
सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर सालाना चार्ज और बस ट्रांसपोर्टेशन खर्च मांगे तो अभिभावकों ने किया विरोध

जासं, जालंधर : मॉडल टाउन स्थित एक स्कूल के बाहर अभिभावकों ने फीस को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना है कि स्कूल की तरफ से सालाना चार्ज और बस ट्रांसपोर्टेशन चार्ज मांगें जा रहे हैं, जबकि स्कूल ने सुप्रीमकोर्ट की हिदायतों के अनुसार ही अभिभावकों को फीसें जमा करवाने के लिए कहा था। इसी बात का विरोध करते हुए अभिभावक स्कूल पहुंच गए और हंगामा करने लग पड़े। स्कूल प्रबंधन ने उनकी बात सुनी, तब जाकर सभी शांत हुए। अभिभावकों ने कहा कि मौजूदा स्थिति उनकी फीसें जमा कराने की नहीं है।

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स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट ने 70 फीसद बस ट्रांसपोर्टेशन चार्ज लेने के लिए मंजूरी दी है, पर वे तो केवल अभिभावकों की परेशानियों को समझते हुए 50 फीसद ही मांग रहे हैं। इसी तरह सालाना चार्ज के लिए 70 फीसद। इसके अतिरिक्त फीसों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई न ही कोई ट्यूशन फीस बढ़ाकर मांगी है। जो पिछले वर्ष फीस दी वहीं मांगी है। लॉकडाउन को पांच महीने से अधिक समय हो चुका है। अभिभावकों की परेशानियों को समझते हुए ही लॉकडाउन में किसी पर फीसें जमा कराने के दवाब नहीं डाला। महज ट्यूशन फीस ही मांगी थी। कुछ अभिभावक हैं, जिन्होंने शुरुआत से लेकर अभी तक ट्यूशन फीस ही नहीं जमा करवाई थी। उनकी बकाया फीसें तो बढ़ेंगी। स्कूल में अभिभावक आए थे, तो उन्हें यही कहा गया है कि अगर वे किसी कारणवश फीसें नहीं दे सकते तो भी अपनी एप्लीकेशन और परिस्थिति संबंधी दस्तावेज दे सकते हैं। स्कूल ने किसी भी बच्चे का नाम नहीं काटा और न ही किसी को इस तरह से कहते हुए दवाब डाला।


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