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गड्ढों से 'हारे' द ग्रेट खली बोले- कोरोना से मरेंगे पता नहीं पर ये टूटी सड़कें हड्डियां जरूर तोड़ देंगी

हिचकोले खाती कार से खली ने फेसबुक पर लाइव वीडियो शेयर किया। शहक के गड्ढों के बुरे हालात दिखाए। बोले हम इतना टैक्स देते हैं सरकार क्या कर रही है?

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 04:49 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 04:49 PM (IST)
गड्ढों से 'हारे' द ग्रेट खली बोले- कोरोना से मरेंगे पता नहीं पर ये टूटी सड़कें हड्डियां जरूर तोड़ देंगी
गड्ढों से 'हारे' द ग्रेट खली बोले- कोरोना से मरेंगे पता नहीं पर ये टूटी सड़कें हड्डियां जरूर तोड़ देंगी

जालंधर, [मनीष शर्मा]। डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में दुनिया के पहलवानों को चित करने वाले दलीप सिंह उर्फ द ग्रेट खली शहर के गड्ढों से हार गए। हिचकोले खाती कार से खली ने फेसबुक पर लाइव वीडियो शेयर किया कि कोरोना से लोग पता नहीं मरेंगे या नहीं लेकिन इन गड्ढों से उनके हाथ-पैर व दूसरी हड्डियां जरूर टूट जाएंगी। गड्ढों से बचने के लिए गाड़ी सांप की तरह चलानी पड़ रही है। 12 मिनट के वीडियो में खली ने सरकार, प्रशासन से लेकर पार्षदों पर भी जुबानी 'दांव' लगाए। बोले हम इतना टैक्स देते हैं, सरकार क्या कर रही है? पार्षद सरकार को क्यों नहीं बोलते कि सड़क ठीक कराओ। कब तक सपने दिखाकर सरकार अपना उल्लू सीधा करती रहेगी। इंसान तो दूर, जानवर तक इन सड़कों पर नहीं चल पाएंगे। वैसे, भले ही खली ने ये बात कही हो लेकिन शहर का हर नागरिक इंतजार में है कि कब ये सब सड़कें बनेंगी।

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बाली बने 'बाहुबली' फिर बने थानेदार

कोरोना के कारण कर्फ्यू लगा तो आदेश चंडीगढ़ से मिले या जालंधर से, सड़कों पर पुलिस वालों ने डंडा परेड शुरू कर दी। वीडियो भी बनाई और सोशल मीडिया पर भी वायरल की। कोरोना की भयावहता को देख सभी तारीफ कर रहे थे, इस चक्कर में करतारपुर के थाना इंचार्ज सब इंस्पेक्टर पुष्प बाली थोड़ा आगे निकल गए। लोगों की पिटाई करते उनकी वीडियो बनी और वीडियो तारीफ नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर 'पुलिसिया जुल्म' का प्रतीक बन गई। मामला चंडीगढ़ तक पहुंचा तो छवि बिगड़ते देख बाली को एसएसपी नवजोत माहल ने लाइनहाजिर कर दिया। समझ तो शायद बाली को भी नहीं आया हो कि अफसरों ने जैसा कहा, वैसे किया तो गलती कहां हुई। घर आकर वो लंगर सेवा में जुट गए। अब कर्फ्यू जनता ही नहीं बल्कि उनकी व कुर्सी के बीच से भी हटा और बाली 'बाहुबली' बन फिर करतारपुर के थाना इंचार्ज बन लौट आए।

कैप्टन के लाइव से अफसर परेशान

कोरोना वायरस के कारण अब ज्यादातर संवाद फेसबुक से ही हो रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर भी अक्सर फेसबुक लाइव करते रहते हैं। अब इससे अफसरों का मूड ऑफ हो रहा है। असल परेशानी मुख्यमंत्री के लाइव आने से शिकायतों की नहीं है बल्कि उसे देखने वाले लोगों की है। राज्य की आबादी अभी करीब तीन करोड़ तक पहुंच चुकी है। बच्चों व ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को छोड़ दें तो आजकल हर कोई फेसबुक पर सक्रिय है। खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह के पेज से करीब साढ़े 13 लाख लोग जुड़े हुए हैं। अब जब कैप्टन लाइव आते हैं तो देखने वाले चार हजार भी पार नहीं कर पाते। ऐसे में अब सभी जिलों को फरमान आ गया कि मुख्यमंत्री को देखने वालों की गिनती बढ़ाओ। तभी तो उनका लाइव का लिंक लोक संपर्क विभाग शेयर कर देता है लेकिन फिर भी अभी तक गिनती नहीं बढ़ रही।

गलतियां होंगी तो कैसे सजा मिलेगी?

पुलिस जब भी किसी को पकड़ती है तो उसे बढ़ा-चढ़ाकर अपराधी बताती है। श्रेय लेने में हवलदार भले पीछे रह जाएं लेकिन बड़े अफसर हमेशा आगे रहते हैं। फिर एक दिन पता चलता है कि पुलिस का वो 'अपराधी' तो अदालत से 'बाइज्जत' बरी हो गया। कैसे...? सब यही सोचते रह जाते हैं। ज्यादातर मामलों में असलियत क्या होती है, इसके लिए यह दो मामले उदाहरण हैं। अनमोल नामक लड़का नाके पर कार रोकने की बजाय पुलिस वाले को बोनट पर घसीटता ले गया। खाकी भड़क गई और लड़के संग घर बैठे पिता पर भी पर्चा ठोक दिया। पुलिस अदालत में बता नहीं सकी कि पिता का क्या कसूर था? और पिता को जमानत मिल गई। फिर एक भाजपा नेता पर दर्ज केस में भी युवक की उम्र करीब 14 साल लिख दी। जन्म सर्टिफिकेट के हिसाब से उम्र 17 साल से ज्यादा बनी और अदालत ने जमानत दे दी। 


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