विवादों से घिरे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों का किया रिव्यू, आईसीसीसी के पहले फेज की डेडलाइन 15 जुलाई
नगर निगम की नई कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने विवादों से घिरे स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का रिव्यू करना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम की नई कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने विवादों से घिरे स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का रिव्यू करना शुरू कर दिया है। जो प्रोजेक्ट सीधे नगर निगम से जुड़े हैं और काम में देरी से निगम के कामकाज पर असर पड़ रहा है, उन सभी की निगम कमिश्नर रोजाना रिपोर्ट ले रही हैं। उन्होंने सीएंडडी वेस्ट, वरियाणा डंप के बायोमाइनिंग प्रोजेक्ट और शहर के सुरक्षा से जुड़े सीसीटीवी कैमरों के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) प्रोजेक्ट पर रिपोर्ट ली है।
सीएंडडी वेस्ट और बायोमाइनिग प्रोजेक्ट वातावरण और शहर के लोगों के स्वस्थ्य से जुड़ा प्रोजेक्ट है। इनके शुरू होने पर शहर में प्रदूषण का स्तर कम होगा। कूड़ा प्रबंधन ठीक से होगा और वातावरण में सुधार होगा।
केंद्र सरकार के निर्देश के तहत 15 अगस्त से पहले एक फेज का काम पूरे किए जाने वाले इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के काम का कमिश्नर ने मुआयना भी किया है। कमिश्नर ने पुलिस लाइंस में प्रस्तावित कंट्रोल सेंटर की इमारत का मुआयना भी किया है और स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को हिदायत दी है कि बिल्डिग का काम 15 जुलाई तक पूरा कर लिया जाए। पहला फेज 15 जुलाई तक तय करने की डेडलाइन दी गई है। केंद्र सरकार के निर्देश के मुताबिक आईसीसीसी प्रोजेक्ट के पहले फेस को 15 अगस्त से पहले पूरा करना है क्योंकि देश के कई शहरों में इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को लांच करेंगे। इसके तहत माडल टाउस और आसपास के इलाकों, बीएसएफ चौक से संविधान (बीएमसी) चौक तक सबसे पहले कैमरे लगाए जाएंगे।
वरियाणा डंप पर चार दशक से जमा कूड़े को खत्म करने के लिए बायोमाइनिग प्रोजेक्ट और शहर में फैले मलबे को प्रोसेस करके इंटरलाकिग टाइल्स बनाने के सीएंडडी वेस्ट प्लांट पर निगम कमिश्नर ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट ली है। सीएंडडी वेस्ट प्लांट पर निगम के एसई रजनीश डोगरा से चर्चा की है। यह प्रोजेक्ट शुरू करने में अब ज्यादा देरी नहीं है। यहां मशीनरी स्थापित हो चुकी है और ट्रायल का दौर चल रहा है। निगम कमिश्नर ने कहा है कि मलबे को प्रोसेस करके इंटरलाकिग टाइल्स बनाने का काम इसी महीने शुरू किया जाए। बायोमाइनिग प्रोजेक्ट पर हेल्थ डिपार्टमेंट और स्मार्ट सिटी कंपनी के सलाहकार एएस धालीवाल से रिपोर्ट ली है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए निर्देश दिया है कि ठेकेदार को जल्द से जल्द प्रोसेसिग स्तर पर काम पहुंचाने के लिए कहा जाए। डंप पर कूड़ा कम होगा तो बरसात में निगम का आसानी रहेगी।
--------- पार्षदों ने मांगी स्टेट्स रिपोर्ट, पूछा की जानकारी भी मांगी
सोमवार को कांग्रेस के पार्षदों ने नगर निगम कमिश्नर दीपशिखा शर्मा से मुलाकात करके स्मार्ट सिटी कंपनी के सभी प्रोजेक्टों की स्टेट्स रिपोर्ट भी मांगी है। पार्षदों ने पूछा है कि इस समय स्मार्ट सिटी कंपनी के कितने प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें से कितने प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और कितने बंद पड़े हैं, इसकी विस्तृत जानकारी पार्षदों को दी जाए। कमिश्नर को दिए पत्र में पार्षद गुरविदर सिंह बंटी नीलकंठ, मनमोहन सिंह राजू, पवन कुमार, मनजीत कौर, तरसेम सिंह लखोत्रा, कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने निगम कमिश्नर से मिलकर कहा कि यह भी जानकारी उपलब्ध करवाएं कि अब तक किस किस काम के लिए किस-किस ठेकेदार को कितना भुगतान हुआ है। गत सप्ताह भी इन पार्षदों ने निगम कमिश्नर से मुलाकात करके स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों में तेजी लाने की मांग की थी और कहा था कि स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट की जानकारी उन सभी पार्षदों को होनी चाहिए जिनके इलाकों में यह काम हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी के कई प्रोजेक्ट पहले भी पार्षदों के निशाने पर रहे हैं। खासतौर पर एलइडी स्ट्रीट लाइट्स, 11 चौक के सुंदरीकरण प्रोजेक्ट को लेकर पार्षदों की नाराजगी बनी रही है। इन प्रोजेक्ट्स के कारण लोगों की कांग्रेस के प्रति नाराजगी भी हुई। कई प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं लेकिन जनता को इसके लाभ के बारे में पता तक नहीं है।