एनटीएसई की तैयारी में फिर जुटे शिक्षक, विद्यार्थियों की तैयारी पर खर्च होंगे 4.38 लाख
नेशनल टैलेंट सर्च एग्जाम के स्टेज-एक की परीक्षा 16 जनवरी को होगी। इसमें राज्यभर के सभी सरकारी स्कूलों केंद्रीय विद्यालयों नवोदय विद्यालयों व मान्यता प्राप्त स्कूल से दसवीं कक्षा के विद्यार्थी परीक्षा दे सकते हैं।
अंकित शर्मा, जालंधर : नेशनल टैलेंट सर्च एग्जाम के स्टेज-एक की परीक्षा 16 जनवरी को होगी। इसमें राज्यभर के सभी सरकारी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों व मान्यता प्राप्त स्कूल से दसवीं कक्षा के विद्यार्थी परीक्षा दे सकते हैं। जिन एससी विद्यार्थियों के नौवीं में 55 फीसद और जनरल वर्ग के विद्यार्थियों के 70 फीसद अंक हैं, उनके लिए दाखिला भरने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है। एडमिट कार्ड अगले साल एक जनवरी 2022 को डाउनलोड किए जा सकते है। 16 जनवरी की परीक्षा सुबह दस से दोपहर डेढ़ बजे तक अंग्रेजी और पंजाबी में होगी। इसे पास करने के लिए मानसिक योग्यता में 32 और विषय योग्यता में 40 फीसद अंक लाने अनिवार्य है। परीक्षा में बहुविकल्पिय 200 प्रश्न होंगे, जिनमें 100 प्रश्न मानसिक योग्यता और 100 प्रश्न विषय योग्यता परखने के लिए हैं। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान के 13-13 प्रश्न, जीवन विज्ञान के 14, गणित के 20, इतिहास, भूगोल के 11-11, नागरिक शास्त्र के 10 और अर्थ शास्त्र के आठ प्रश्न शामिल किये गए हैं। कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं है।
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कोचिग के लिए खर्च हो रहे हैं 4.38 लाख रुपये
शिक्षा विभाग 23 जिलों के विद्यार्थियों को स्पेशल कोचिग के साथ-साथ स्टडी मैटीरियल व प्रैक्टिस शीट्स प्रिंट करके देगी। इसके लिए 438754 रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पहले एनटीएसई की तैयारी के लिए विद्यार्थियों पर 465800 रुपये खर्च किये गए थे। उसके नतीजे में राज्य के सरकारी स्कूलों से 61 विद्यार्थी ही एनटीएसई स्टेज-2 की परीक्षा पास कर पाए थे। जालंधर का सरकारी स्कूल का कोई विद्यार्थी पास नहीं हुआ था। स्टेज-2 की परीक्षा क्लियर करने पर मिलती स्कालरशिप
स्टेज-2 की परीक्षा पास करने के बाद दो हजार विद्यार्थियों को 11वीं और 12वीं तक 1250 रुपये प्रति महीना, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दो हजार रुपये प्रति महीना स्कालरशिप दी जाती है। 15 फीसद एससी, 7.5 फीसद एसटी, 27 फीसद अन्य श्रेणियों, 10 फीसद आर्थिक पक्ष से कमजोर परिवारों के मेधावी विद्यार्थियों को स्कीम का लाभ दिया जाता है। दिव्यांगों के लिए चार फीसद, एक फीसद नेत्रहीन व डेफ एंड डम है।