तीस फीसद अदायगी के साथ रोका बस स्टैंड का टेकओवर
शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटरस्टेट बस टर्मिनल का संचालन करने वाली ठेकेदान कंपनी से पेंडिंग पेमेंट का 30 फीसद प्राप्त करने के बाद पंजाब रोडवेज ने बस स्टैंड के टेकओवर की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर
शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटरस्टेट बस टर्मिनल का संचालन करने वाली ठेकेदार कंपनी आरआरकेके इंफ्रास्ट्रक्चर से पेंडिग पेमेंट का 30 फीसद प्राप्त करने के बाद पंजाब रोडवेज ने बस स्टैंड के टेकओवर की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी है।
पंजाब रोडवेज प्रबंधन की तरफ से बस स्टैंड का संचालन करने वाली निजी कंपनी से कर्फ्यू एवं लाकडाउन की समय अवधि के दौरान की पेमेंट वसूलने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि ठेकेदार कंपनी का तर्क है कि बस स्टैंड की मुख्य कमाई मात्र बसों की आवाजाही से होती है। कर्फ्यू एवं लाकडाउन की अवधि के दौरान जून तक बसों का आवागमन शुरू ही नहीं हो पाया। मात्र कुछ एक सरकारी बसें ही चलीं, जो अड्डा फीस की अदायगी करती ही नहीं हैं। हालांकि इस अवधि के दौरान बस स्टैंड के तमाम जरूरी खर्चे निर्विघ्न जारी रहे। इस वजह से ठेकेदार कंपनी कमाई करने के बजाय वित्तीय संकट से घिर गई।
बस स्टैंड का संचालन करने वाली निजी कंपनी आरआरकेके इंफ्रास्ट्रक्चर के मैनेजिग पार्टनर हरप्रीत सिंह काहलों एवं राज कुमार लूथरा ने बताया कि वह तो पहले ही 30 फीसद अदायगी के लिए तैयार थे। 30 फीसद पेमेंट के ड्राफ्ट बनाकर उनकी फोटो उच्चाधिकारियों तक भिजवा दी गई थी, जिसके बाद रविवार को टेकओवर की प्रक्रिया रोक दी गई है।
खास यह भी है कि पंजाब के एक बड़े शहर में बस स्टैंड का संचालन करने वाली निजी कंपनी पेमेंट वसूलने के चलते पंजाब रोडवेज प्रबंधन के खिलाफ अदालत में भी चली गई थी।
पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने जालंधर के शहीद ए आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल के टेकओवर की प्रक्रिया रोके जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड का संचालन करने वाली निजी कंपनी को 30 फीसद पेमेंट करने के लिए कहा गया है। पंजाब रोडवेज मुख्यालय के दिशा निर्देशों के मुताबिक पेमेंट वसूलने के बाद टेकओवर की प्रक्रिया अमल में नहीं लाई जाएगी।