श्री देवी तालाब मंदिर में हुआ सुंदरकांड पाठ, बड़ी संख्या में भक्तों ने लगाई हाजिरी Jalandhar News
श्री सनातन धर्म प्रचार मंडल की ओर से किए जा रहे सुंदरकांड पाठ के दौरान प्रवचन सेवादार महेशकांत शर्मा ने दिए।
जालंधर, जेएनएन। लंकापति रावण ने भाई विभीषण की सलाह को ठुकरा कर उसे राज महल से धक्के मार कर निकाल दिया था। इस पर विभीषण सागर के किनारे वानर सेना के साथ पहुंचे प्रभु श्री राम की शरण में पहुंच गए। ये प्रवचन श्री देवी तालाब मंदिर में श्री सनातन धर्म प्रचार मंडल की ओर से किए जा रहे सुंदरकांड पाठ के दौरान सेवादार महेशकांत शर्मा ने दिए। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
सेवादार महेशकांत ने सुंदर कांड का पाठ करते हुए बताया कि विभीषण के पहुंचते ही महाराज सुग्रीव ने प्रभु श्री राम से कहा कि यह दुश्मन रावण का भाई है और इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। इसे बंदी बना लेना ही उचित है। इसके जवाब में प्रभु श्री राम ने कहा कि मेरी शरण जो भी कोई आता है, मैं उसे त्याग नहीं सकता हूं। विभीषण को शरण देना ही उचित रहेगा। हां, वैसे विश्व के तमाम राक्षकों के खात्मे के लिए मेरा भाई लक्ष्मण ही काफी है। इससे दौरान श्री गणेश वंदना, सरस्वती वंदना, श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने के अलावा श्री हनुमान जी के भजनों से श्रद्धालुओं के मंत्रमुग्ध किया।
इसके बाद श्री हनुमान और माता दुर्गा की पंजदीप महाआरती की गई। इस मौके पर सुखदेव सैनी, संदीप महिन्द्र, रमेश मेहंदीरत्ता, सुरिंदर अग्रवाल, गोपाल ग्रोवर, अजय कुमार, बलविंदर बिंदरी, महेशकांत शर्मा, राकेश सुनेजा, राकेश महाजन, रमेश मेंहदीरत्ता, रवि और संयोगिता के अलावा अन्य राम भक्त मौजूद थे।
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