शाहकोट उपचुनाव में उम्मीदवारों से ज्यादा सुखबीर, राणा व खैहरा की साख दाव पर
दोनों एक दूसरे को सोशल मीडिया पर भी ललकारने से बाज नहीं आ रहे।
जागरण संवाददाता, जालंधर : शाहकोट उपचुनाव में चुनावी जंग को लेकर उम्मीदवारों से ज्यादा पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की साख दाव पर है। जहा 'आप' नेता सुखपाल सिंह खैहरा और काग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह का आपसी टकराव फिर शाहकोट उपचुनाव में देखने को आ रहा है, वहीं दोनों एक दूसरे को सोशल मीडिया पर भी ललकारने से बाज नहीं आ रहे। वहीं अकाली दल के शाहकोट की सीट साख का सवाल बनी हुई है। यही कारण है कि सुखबीर बादल खुद चुनाव प्रचार की कमान संभालकर जीत के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। अकाली दल के महारथी जत्थेदार अजीत सिंह कोहाड़ की अकाल मृत्यु के बाद काग्रेस अपनी पूरी ताकत इस सीट पर लगा दी है। पिछली बार चुनावों में पूरे राज्य में अकाली दल को अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा के साथ केवल 18 सीट मिल पाई थी, तब भी शाहकोट सीट से अकाली दल ने ही जीत दर्ज की थी। अकाली दल भले ही हाशिए पर चल रहा है लेकिन वह सीट जीतने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल इस सीट पर विजय प्राप्त करने के लिए पंजाब 2022 के अपने मिशन की पहली सीढ़ी चढ़ना चाहते हैं। हालाकि अकाली दल के पास हलके को देने व ऐलान करने हेतु कुछ नहीं है लेकिन सरकार के खिलाफ प्रचार करने के लिए बहुत कुछ है।
अकाली दल वर्तमान सरकार के खिलाफ इलाके में रेत कारोबार, नौकरियों के मुद्दे, किसानों के कर्ज आदि मुद्दे जोर-शोर के साथ उठा काग्रेस पर हल्ला बोल रहा है। शाहकोट की सीट इस समय पंजाब में सत्ता आसीन काग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के साथ प्रदेश में अपने आप को दूसरे नंबर की पार्टी मानती आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा के लिए मूंछ का सवाल बनती जा रही है। शिरोमणि अकाली दल द्वारा इस सीट से स्व. जत्थेदार अजीत सिंह कोहाड़ पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब के बेटे नायब सिंह कोहाड़ को उम्मीदवार घोषित किया है, लेकिन उम्मीदवार से ज्यादा सुखबीर का हलके में प्रभाव देखा जा रहा है। वहीं काग्रेस द्वारा हरदेव सिंह लाडी को उम्मीदवार उतारा है लेकिन सीट की जीत के लिए सारा जोर राणा गुरजीत सिंह लगा रहे हैं। रोजाना वह हलके के 10 से 12 गावों का दौरा कर लाडी के लिए वोट माग रहे हैं। उम्मीदवार लाडी शेरोवालिया के पक्ष में प्रचार का जिम्मा भी राणा गुरजीत सिंह ने ही उठाया हुआ है। जानकारी के अनुसार राणा के दबाव से ही काग्रेस ने लाडी को दूसरी बार टिकट देकर नवाजा है। और यही कारण है कि राणा गुरजीत सिंह को चुनाव इंचार्ज बनाया गया है। वहीं आप ने अपने उम्मीदवार रतन सिंह कक्कड़ कला को उम्मीदवार बनाया है। सूत्र बताते हैं कि कक्कड़ को सुखपाल खैहरा के सहयोग से ही टिकट मिली है। ऐसे में सुखपाल खैहरा भले ही अभी खुद शाहकोट के चुनावी मैदान में प्राचर के लिए नहीं उतरे हैं लेकिन वे मीडिया के जरिए लगातार काग्रेस व पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर आरोप लगाते आ रहे हैं। वहीं राणा के वर्कर भी सोशल मीडिया पर लाइव हो खैहरा को शाहकोट सीट जीतने के लिए ललकार रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर उम्मीदवारों से ज्यादा सुखबीर बादल, सुखपाल खैहरा व राणा गुरजीत सिंह की साख दाव पर लगी हुई है।