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सुखबीर व हरसिमरत का पहली बार मोदी पर आक्रामक रुख, कृषि कानूनों पर पंजाब की सियासत गर्माई

पंजाब में नए कृषि कानूनों पर सियासत पूरे जोरों पर है। इस पर सियासी पार्टियों में एक - दूसरे से आगे निकलने की होड़ है। शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पहली बार पीएम नरेंद्र माेदी पर आक्रामक रुख दिखाया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 10:38 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 10:38 AM (IST)
सुखबीर व हरसिमरत का पहली बार मोदी पर आक्रामक रुख, कृषि कानूनों पर पंजाब की सियासत गर्माई
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल।

जालंधर, जेएनएन। पंजाब में केंद्र सरकार की नई कृषि कानूनों पर सियायत लगातार गर्माई हुई है। इस मुद्दे पर भाजपा और राजग से अलग होने के बाद शिराेमणि अकाली दलका रुख और स्‍वर कड़ा होता जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर का रुख पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्रामक हुआ है।  

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सुखबीर बोले, एनडीए मोदी ने नहीं बादल साहब ने बनाया था

सुखबीर बादल ने मोगा, संगरूर व बरनाला में अकाली कार्यकर्ताओं को संबोधित करते कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ सरेआम धक्केशाही की है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास 350 सांसदों का बहुमत है। एनडीए मोदी ने नहीं सरदार प्रकाश सिंह बादल ने बनाया था, जिस पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुहर लगाई थी। हम एनडीए से अलग नहीं होना चाहते थे, इसलिए पहले कृषि मंत्री से गुहार लगाई। बाद में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से निजी तौर पर बात की, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई। फिर यह फैसला लेकर किसानों के साथ खड़ा होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने गठबंधन का न सम्मान किया और न ही पालन किया। हम हर फैसला भाजपा की लीडरशिप से बात कर करते थे, लेकिन कृषि कानून के बारे में भाजपा ने एक बार भी हमें विश्वास में नहीं लिया।

जिन लोगों ने कानून बनाया है, उन्हें खेती के सिस्टम का पता नही है। उन्होंने संसद में भी विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई थी, लेकिन आवाज दबा दी गई।

उन्‍होंने कहा कि दुनिया में सबसे अच्छा मंडी सिस्टम पंजाब में है। पंजाब में कुल मंडियों में 90 प्रतिशत अकाली सरकार के कार्यकाल में बनी हैं। यह कृषि कानून पैदा करने वाली कांग्रेस है। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ लिखा था कि उनकी सरकार सूबे में बनी तो  कॉट्रैक्ट फार्मिंग को लागू करेगी। कैबिनेट की पहली बैठक में उसे पास भी कर दिया।

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हरसिमरत बोलीं, सीएम से पीएम बनते ही मोदी को क्या हो गया

दूसरी ओर, बठिंडा में पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सीएम से पीएम  बनते ही पता नहीं नरेंद्र मोदी को क्या हो गया। वह 2011 में जब सीएम थे तो एमएसपी को लागू कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे और किसानों के साथ थे। अब क्या हुआ कि जो मोदी इस बात को नहीं मान रहे हैं, जबकि उनके मंत्रिमंडल की एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया और पार्टी ने गठबंधन को छोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि कृषि विधेयकोंं के विरोध में वह प्रधानमंत्री से लड़ीं और खूब बहस की, लेकिन बड़े मंत्रिमंडल में उनकी आवाज दबा दी गई। विरोध में इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा में अन्य 16 संगठनों द्वारा इसका विरोध किया गया। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा कर केंद्र सरकार ने बिल को पास कर दिया।

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