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जालंधर में तीन राज्यों की रस्मों के साथ होगी सुगंधा-संकेत की शादी, मेहमानों को साथ लानी होगी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट

सुगंधा का परिवार उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का रहने वाला है और करीब चालीस साल से पंजाब के जालंधर में रह रहा है। इसलिए सुगंधा के परिवार के तरफ से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब की रस्मों के हिसाब से शादी करवाने की कवायद की जा रही है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 09:18 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 09:59 AM (IST)
जालंधर में तीन राज्यों की रस्मों के साथ होगी सुगंधा-संकेत की शादी, मेहमानों को साथ लानी होगी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट
सुगंधा-संकेत का शादी शादी समारोह 26 अप्रैल को जालंधर-लुधियाना हाईवे पर स्थित क्लब कबाना में आयोजित किया जाएगा।

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। कामेडियन सुगंधा मिश्र व संकेत भोसले की शादी तीन राज्यों की रस्मों के साथ संपन्न करवाने की तैयारी की जा रही है। शादी में आकर्षण का केंद्र यह भी होगा कि तीनों राज्यों की शादी की परंपराओं से संबंधित हिंदूी, पंजाबी व मराठी के शादी के गीत मेहमानों को सुनाई देंगे।

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सुगंधा का परिवार उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का रहने वाला है और करीब चालीस साल से पंजाब के जालंधर में रह रहा है। सुगंधा का जन्म जालंधर में ही हुआ था इसलिए सुगंधा के परिवार के तरफ से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब की रस्मों के हिसाब से शादी करवाने की कवायद की जा रही है। डा. संकेत के परिवार की तरफ से शादी में मराठी रस्मों को भी शामिल किए जाने की शर्त रखी गई है। इसलिए कुछ कामन रस्मों को छोड़कर कई रस्में दो-दो बार निभाई जाएंगी। शादी समारोह 26 अप्रैल को जालंधर-लुधियाना हाईवे पर स्थित क्लब कबाना में आयोजित किया जाएगा।

डा. संकेत बारातियों के साथ 25 को पहुंचेगे जालंधर

सुगंधा व डा. संकेत का परिवार काफी समय से शादी की तैयारियों में जुटा है, लेकिन कोरोना काल के चलते कई बार शादी की तिथि आगे बढ़ानी पड़ी है। सगाई की रस्म बीते दिनों मुंबई में निभाई जा चुकी हैं। बाकी की औपचारिकताएं 25 व 26 को ही निभाई जाएंगी। डा. संकेत बारातियों के साथ 25 को जालंधर पहुंचेगे। कई रस्में एक जैसी हैं, लेकिन उनके नाम अलग हैं, लेकिन कुछ रस्में अलग होंगी। मसलन दूल्हा आरती के बाद दूल्हे के पैर दूध व पानी से धोएं जाएंगे। इसके बाद दूल्हे की नजर दुल्हन की मां की तरफ से उतारी जाएगी। हल्दी समारोह के दौरान चार घड़े (कलश) को चार कोनों पर रखकर एक सीमा रेखा के अंदर रंगोली बनाई जाएगी। उसी के अंदर हल्दी की रस्म अदा की जाएगी।

अच्छी बात है कि एक-एक रस्म को लेकर दोनों परिवार काफी संजीदा हैं और एक दूसरे की परंपराओं के बारे में जानकारी ले रहे हैं और दोनों एक-दूसरे से सभी रस्मों को लेकर सहमत हैं।

रात की शादी को लेकर मानी गई दुल्हन की मांग

मराठी लोग दिन में शादियां करते हैं। पंजाब में भी दिन में शादी के कल्चर है, लेकिन उत्तर प्रदेश में रात को शादियों का कल्चर है। डा. संकेत का परिवार भी पहले दिन में ही शादी की बात कह रहा था, लेकिन उनकी बनने वाली बहू सुगंधा की मांग पर शादी समारोह रात का रखा गया है।

कोरोना रिपोर्ट निगेटिव लाने वाले ही आ सकेंगे समारोह में

डा. संकेत व उनके परिवार ने शर्त रखी कि जो भी मेहमान या पारिवारिक सदस्य समारोह में शामिल हों वह पहले कोरोना टेस्ट करवा लें। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही वह समारोह में शामिल हों और रिपोर्ट देखने के बाद ही उन्हें समारोह में प्रवेश दिया जाए। संकेत खुद एमबीबीएस हैं और उनका परिवार डाक्टरों का परिवार है।

ये रस्में निभाई जाएंगी

उत्तर प्रदेश की रस्में : मंगनी, शगुन,घोड़ी पर दूल्हा, पारंपरिक गालियों के गीत, वरमाला की रस्म, फेरे

पंजाब की रस्में : रोका, सगाई, चुन्नी चढ़ाई, संगीत, हल्दी,सेहरा, घोड़ी चढ़ाई, मिलनी, बारात का स्वागत फीता कटिंग, जयमाल, फेरे।

मराठी रस्में : गणपति पूजा, मुंडावली, सखरपुडा, केल्वन, पुण्य वचन,देव देवक,सीमान पूजा,अंटापाट,दूल्हा आरती,नजर उतारने की रस्म।


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