रजिस्ट्री में नाम बदलकर रसीद तैयार करने के मामले की जांच शुरू, वकील के बयान दर्ज
तहसील कांप्लेक्स स्थित सब रजिस्ट्रार दो के आफिस में ई-रजिस्ट्रेशन फीस की रसीद से नाम बदलकर प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने का मामला गरमा गया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर
तहसील कांप्लेक्स स्थित सब रजिस्ट्रार दो के आफिस में ई-रजिस्ट्रेशन फीस की रसीद से नाम को बदलकर प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने की कोशिश करने का मामला गरमा गया है। बुधवार को सब रजिस्ट्रार-दो जगसीर सिंह सरां ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके तहत रजिस्ट्री के दस्तावेज सत्यापित करने वाले एडवोकेट ओपी वर्मा के बयान दर्ज करने के बाद अब वसीका नवीस के भूमिका की जांच की जाएगी। उधर, जिला रेवेन्यू अधिकारी गुरजिदगर सिंह बेनीपाल ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, छह जनवरी को सब रजिस्ट्रार-दो के आफिस में रुपाली शर्मा नाम की आवेदक ने प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने के लिए आवेदन किया। दस्तावेजों को जैसे ही आरसी (रजिस्ट्री क्लर्क) आनलाइन फीड करने लगा तो वह ई-रजिस्ट्रेशन फीस पर अंकित नंबर देखकर हैरान हो गया। इस नंबर पर दो दिन पहले ही एक रजिस्ट्री हो चुकी थी। अब रसीद पर नाम को बदलकर आवेदन किया गया था। इस पर आपत्ति जताने के बाद नए सिरे से ई-रजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाई गई, लेकिन मामले को जिला रेवेन्यू अधिकारी ने गंभीरता के साथ लेते हुए सब रजिस्ट्रार जगसीर सिंह सरां को मामले की जांच सौंप दी है। ई-रजिस्ट्रेशन फीस की रसीद से नाम बदलकर दस्तावेज पेश करने वाले वसीका नवीस पर भी गाज गिर सकती है। कारण, आवेदनकर्ता की रजिस्ट्री के दस्तावेज व फीस अदा करने की रसीदें लगाने का काम वसीका नवीस द्वारा ही किया जाता है। उसे रजिस्ट्री क्लर्क द्वारा जांच के बाद आनलाइन अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। सब-रजिस्ट्रार द्वारा इसे फोटो करवाकर रजिस्ट्रर किया जाता है। ऐसे में प्रथम क्रम में ही इसमें खामी पाई जा रही है। इसके चलते रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार करने वाले वसीका नवीस को जांच में शामिल किया जा रहा है। जांच के बाद दर्ज करवाया जाएगा आपराधिक मामला : डीआरओ
डीआरओ (जिला रेवेन्यू अधिकारी) गुरजिदर सिंह बेनीपाल बताते हैं कि मामले की जांच सब रजिस्ट्रार जगसीर सिंह सरां द्वारा की जा रही है। दस्तावेज तैयार करने वाले वसीका नवीस की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ या फिर गलत दस्तावेज पेश करके सरकारी काम करवाना अपराध की श्रेणी में आता है। जांच के उपरांत दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाया जाएगा।