पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप न मिलने से परेशान स्टूडेंट्स ने डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन Jalandhar News
स्टूडेंट्स ने सरकार से मांग उठाई है कि स्कॉलरशिप की राशि जल्द से जल्द उनके खाते में डाली जाए ताकि उनकी एडमिशन की प्रक्रिया के दौरान आ रही परेशानियों का निदान हो सके।
जालंधर, जेएनएन। राज्य सरकार द्वारा पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि विद्यार्थियों के खाते में नहीं डाली जा रही है। इसके विरोध में विभिन्न कॉलेजों के एससी विद्यार्थियों ने डीसी दफ्तर के बाहर रोष प्रदर्शन किया। धरने पर बैठे विद्यार्थियों ने पोस्टर पकड़ लेकर स्कॉलरशिप जारी करने की मांग की।
विद्यार्थियों ने कहा कि सरकार पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप जारी नहीं कर रही है और कॉलेज प्रबंधन फीस जमा करवाने के लिए कह रहे हैं। ऐसे में वे फंसकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में घोटाले की बात कहकर इस बार विद्यार्थियों के खाते में राशि डालनी थी, लेकिन अभी तक राशि नहीं डाली है।
बता दें कि दैनिक जागरण ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का मामला प्रमुखता से उठाया था। उसमें बताया गया था कि कैसे विद्यार्थियों की संख्या साल-दर-साल घटती जा रही है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बसपा नेता बल¨वदर सिंह ने कहा कि सरकार को विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप जारी करनी चाहिए। कॉलेज संस्थाएं डीएमसी रिलीज करें।
विद्यार्थियों ने दो घंटे जाम की सड़क
विद्यार्थियों ने डीसी दफ्तर के बाहर धरना देने के बाद सड़क जाम कर दी। यह जाम दो घंटे चला। इस दौरान विद्यार्थियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। जाम के कारण गाड़ियों की लंबी लाइने लगने पर एसडीएम-वन जय सिंह मौके पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि बीस तारीख से पहले-पहले राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से बात करवा दी जाएगी।
1145 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट रुकी
राज्य में एक हजार के करीब प्राइवेट कॉलेज हैं, जिनमें डेढ़ लाख से अधिक एससी विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे है। इनकी करीब 1145 करोड़ की राशि बकाय है। कई कॉलेज एनपीए होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। शिक्षकों को वेतन देने के लिए कॉलेजों के पास राशि नहीं है। सरकार कॉलेजों में स्कॉलरशिप को लेकर ऑडिट करवाने के बावजूद राशि नहीं जारी कर रही है।
घोटाले में शामिल कॉलेजों पर हो कार्रवाई: मनबीर
सीटी ग्रुप के एमडी मनबीर सिंह ने कहा कि जो कॉलेज पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में शामिल हैं, उन पर सरकार कार्रवाई करे। नियमानुसार काम कर रहे कॉलेजों का बकाया दे। कॉलेजों की 80 करोड़ से अधिक बकाया राशि रुकी पड़ी है।
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