जालंधर में जीएनडीयू की ऑफलाइन परीक्षाओं का विद्यार्थी करने लगे विरोध, बोले- अभी कोरोना का खतरा टला नहीं
जालंधर में जीएनडीयू से ग्रेजुएशन की परीक्षाएं फरवरी से ऑफलाइन ली जाएंगी। जिसे लेकर विद्यार्थियों की तरफ से विरोध करना शुरू कर दिया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि जब कक्षाएं ऑफलाइन करने के लिए हालात सामान्य नहीं है तो परीक्षाएं कैसे ली जा सकती है।
जालंधर, जेएनएन। आइकेजे पीटीयू में ऑफलाइन परीक्षाओं के विरोध के बाद अब गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को लेकर भी स्टूडेंट्स का विरोध शुरू होने लग पड़ा है। जीएनडीयू से ग्रेजुएशन की परीक्षाएं फरवरी से ऑफलाइन ली जाएंगी। जिसे लेकर विद्यार्थियों की तरफ से विरोध करना शुरू कर दिया गया है।
विद्यार्थियों का कहना है कि जब कक्षाएं ऑफलाइन करने के लिए हालात सामान्य नहीं है तो परीक्षाएं कैसे ले सकते हैं। जिसे लेकर इंटरनेट मीडिया से लेकर कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों की तरफ से विरोध जताना शुरू कर दिया गया है। यहां तक कि उनकी तरफ से प्रिंसिपल को यूनिवर्सिटी को लिखे गए पत्र सौंपे जा रहे हैं। जिसमें उनकी तरफ से दिल्ली यूनिवर्सिटी और एलपीयू में ऑफलाइन परीक्षाओं का हवाला दिया गया है। अगर इन दोनों यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन परीक्षा ही करवाई जा सकती हैं तो जीएनडीयू की तरफ से क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने तक विद्यार्थियों से ऑनलाइन ही परीक्षा ली जाए क्योंकि संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है बल्कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
गौर हो की पीटीयू में 2 दिन पहले विद्यार्थियों की तरफ से परीक्षा ऑफलाइन कराए जाने को लेकर कैंपस में ही प्रदर्शन शुरू कर दिया गया था, क्योंकि उसी दिन कैंपस से दो और विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। मगर यूनिवर्सिटी का यही तर्क था कि टेक्निकल शिक्षा होने के नाते ऑनलाइन परीक्षाएं नहीं ली जा सकती हैं और विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही प्रत्येक 15 दिन बाद टेस्ट करवाए जा रहे हैं ताकि संक्रमण ना फैले। विद्यार्थियों को जनवरी और मार्च महीने में परीक्षा देने का ऑप्शन दिया गया है। ताकि वे सुविधानुसार परीक्षा का समय सुन सके और 22000 विद्यार्थियों ने जनवरी में ही परीक्षा देने की ऑप्शन को चुना है।
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