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एपीजे कॉलेज की 'सुरमयी शाम' में स्टूडेंट्स ने गजलों और सूफी कलामों से भरा रंग

सांस्कृति कार्यक्रम का आगाज समरजीत सेन ने सितार वादन के साथ किया। छात्रा कृतिका और कॉलेज के वोकल विभाग से डॉ. विवेक शर्मा ने ग़ज़लें प्रस्तुत की।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:45 PM (IST)
एपीजे कॉलेज की 'सुरमयी शाम' में स्टूडेंट्स ने गजलों और सूफी कलामों से भरा रंग
एपीजे कॉलेज की 'सुरमयी शाम' में स्टूडेंट्स ने गजलों और सूफी कलामों से भरा रंग

जालंधर, जेएनएन। एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स की तरफ से विरसा विहार में सुरमयी शाम का आयोजन किया गया। इसका आगाज डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार और कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुचारिता शर्मा ने दीप जलाकर किया। सुरमयी शाम कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को संजोए रखना और उसे बढ़ावा देना है। कार्यक्रमें विशेष तौर पर एसएस अजिमल, दीपक वाली, अरुण मिश्रा भी पहुंचे।

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सांस्कृति कार्यक्रम का आगाज समरजीत सेन ने सितार वादन के साथ किया। वहीं कालेज की छात्रा कृतिका ने गजल- अगर तलाश करूं मिल ही जाएगा, मगर तुम्हारी तरफ कौन मुझे चाहेगा... प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। कॉलेज के वोकल विभाग से डॉ. विवेक शर्मा ने भी अपनी ग़ज़ल- काश ऐसा कोई मंज़र होता कि तेरे कांधे पर मेरा सिर होता और तुझको देखा तो ख्याल आया... से सभी को आकर्षित किया। छात्रा निशा और दीपाली ने अपने सूफी और लोकगीतों के जरिए सुरमई शाम में रंग भरा। अंत में अंग्रेजी विभाग की प्रमुख डॉ. सुनीत कौर ने अतिथियों का धन्यवाद किया।

जालंधरः शनिवार को एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स में सुरमयी शाम कार्यक्रम में प्रस्तुतियों का आनंद उठाते हुए दर्शक।

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