पंजाब में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी एनजीओ की रैलियों में नहीं होंगे शामिल, शिक्षा विभाग ने लगाई रोक
कोरोना के कारण दस महीने तक स्कूल बंद रहने की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई का बेहद नुकसान हुआ है। आनलाइन क्लासों का प्रयास विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए हुआ है मगर विद्यार्थियों के डाउट्स क्लियर नहीं हो पाए थे।
जालंधर, अंकित शर्मा। दस महीने तक स्कूल बंद रहने की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई का बेहद नुकसान हुआ है। आनलाइन क्लासों का प्रयास विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए हुआ है, मगर विद्यार्थियों के डाउट्स क्लियर नहीं हो पाए थे। ऐसे में अब विद्यार्थियों की पढ़ाई का एक भी पल खराब न हो इसलिए शिक्षा विभाग ने एनजीओ व समाज सेवी संस्थाओं की तरफ से निकाली जाने वाली जागरूकता रैलियों में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के शामिल होने पर रोक लगा दी गई है।
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इस संबंध में राज्य भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल मुखियों व हेड के आदेश जारी कर दिए गए हैं। ताकि वे केवल विद्यार्थियों की पढ़ाई पर ही फोकस रखें। क्योंकि परीक्षाओं का समय बेहद कम रहा है और मिशन शतप्रतिशत को पूरा करना बेहद जरूरी है। यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से लांच किया गया है, जिसके लिए पूरा विभाग अहम जोर लगा रहा है।
आदेशों में यह भी लिखा है कि इस तरह की रैलियों में हिस्सा लेने से केवल विद्यार्थी विपरीत मौसम होने के कारण बीमार पड़ते हैं और कभी कभार गंभीरावस्था में घायल होने का खतरा मंडराता रहता है। ऐसे हालात में विद्यार्थी रैलियों में भी भाग लेते हैं तो उनकी पढ़ाई का कीमती समय बर्बाद होगा। यही नहीं विद्यार्थियों का इस तरह के प्रोग्रामों में भाग लेने से ध्यान भी डायवर्ट हो जाता है। ऐसे में केवल विद्यार्थियों को ध्यान पढ़ाई पर लगाए रखना बेहद जरूरी है। विद्यार्थियों को बिना किसी अधिकारियों की मंजूरी के बिना प्रोग्रामों में जाने की इजाजत नहीं मिलेगी।
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