Pargat के लिए खिलाफ जालंधर कैंट का सियासी अखाड़ा तैयार, Sukhbir Badal ने कराई जगबीर बराड़ की शिअद में एंट्री
जालंधर में पूर्व विधायक जगबीर सिंह बराड़ की वापसी हो जाएगी। वह साल 2007 में अकाली दल की टिकट पर ही जालंधर कैंट से विधायक निर्वाचित हुए थे लेकिन उसके बाद पंजाब पीपल्स पार्टी और कांग्रेस में शामिल हो गए।
जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर कैंट के पूर्व अकाली विधायक व कांग्रेसी नेता रहे जगबीर सिंह बराड़ ने आज फिर से अकाली दल का दामन थाम लिया। बिक्रम सिंह मजीठिया ने उन्हें अकाली दल में सिरोपा पहनाकर ज्वाइन करवाया। बराड़ 2007 में जालंधर कैंट से अकाली दल के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ गठजोड़ करके कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी लेकिन परगट सिंह की वजह से उन्हें जालंधर कैंट से टिकट नहीं मिला था। इसके चलते बराड़ कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। इधर, सिद्धू के समीकरण बदलने के बाद बराड़ ने मौके की नजाकत को देखते हुए घर वापसी कर अकाली दल का दामन फिर से थाम लिया है। उम्मीद की जा रही है कि पार्टी उन्हें जालंधर कैंट से ही उम्मीदवार बनाएगी। बराड़ के अकाली दल में आने से अकाली दल की स्थिति जालंधर में जरूर सुधरेगी।
जिले की हॉट विधानसभा सीट बनी जालंधर कैंट
जालंधर कैंट जिले की हॉट विधानसभा सीट बनती जा रही है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मौजूदा विधायक परगट सिंह को प्रदेश कांग्रेस महासचिव बना दिया है। जालंधर कैंट पहुंचने पर जगबीर बराड़ ने बिक्रम मजीठिया का स्वागत किया। दूसरी तरफ प्रतिद्वंद्वी पार्टी अकाली दल में यहीं से पूर्व विधायक रहे जगबीर बराड़ के स्वागत की तैयारी की जा रही है। चर्चा है कि सोमवार दोपहर को बराड़ की कांग्रेस से अकाली दल में वापसी हो जाएगी। बराड़ वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में भी जालंधर कैंट से अकाली दल टिकट के दावेदार थे पर टिकट सरबजीत सिंह मक्कड़ को दी गई थी। नए घटनाक्रम से जालंधर कैंट की राजनीति दिलचस्प होने जा रही है।
जालंधर में जगबीर बराड़ की शिअद में एंट्री के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल। साथ में पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया।
वर्ष 2007 में अकाली दल टिकट पर कैंट से विधायक बने थे बराड़
बराड़ साल 2007 में अकाली दल की टिकट पर ही जालंधर कैंट से विधायक निर्वाचित हुए थे। उसके बाद पंजाब पीपल्स पार्टी और कांग्रेस में शामिल हो गए। 10 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद अब कार्यक्रम में लौट रहे हैं और पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल दोपहर 1 बजे तक उनके मॉडल टाउन स्थित निवास पर पहुंचकर उन्हें पार्टी में शामिल करेंगे। वर्ष 2012 में वह कांग्रेस टिकट पर जालंधर कैंट से परगट सिंह के हाथों हार गए थे। इसके बाद उन्होंने अगला चुनाव नकोदर से लड़ा था।
अकाली दल में बढ़ सकता है टकराव
जगबीर बराड़ के अकाली दल में शामिल होने से अकाली दल में भी टकराव बढ़ने की आशंका है क्योंकि पिछले 10 साल से जो कार्यकर्ता बराड़ के खिलाफ मोर्चा खोले थे, उन्हें अब बराड़ के समर्थन में आना पड़ेगा। बराड़ ने पिछले दो चुनाव साल 2012 में कांग्रेसी टिकट पर जालंधर कैंट और 2017 में नकोदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, लेकिन दोनों चुनाव हार गए थे।
सरबजीत मक्कड़ ने दी चुनौती
वर्ष 2017 में परगट सिंह अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। तब अकाली दल की ओर से सरबजीत सिंह मक्कड़ ने परगट सिंह को चुनौती दी थी। हालांकि वह परगट को दूसरी बार विधायक बनने से नहीं रोक पाए थे। इधर, जगबीर बराड़ की एंट्री होते देख मक्कड़ खेमा नाराज दिख रहा है। सरबजीत मक्कड़ ने एक दिन पहले ही घोषणा की है कि बराड़ अकाली दल में शामिल होने पर भी वे ही जालंधर कैंट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यानी आने वाले समय में शिअद में टकराव बढ़ सकता है।
यह भी पढ़ें - History of Punjab: करतारपुर में हुआ था श्री गुरु तेग बहादुर का विवाह, जानें कैसे मिला था उन्हें यह नाम