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Civil Hospital में मरीज को ग्लूकोस लगाने के लिए मोबाइल टाॅर्च से ढ़ूंढनी पड़ी नस News

स्टाफ का कहना है कि जब तक जेनरेटर चलता था तब तक लाइट आ जाती थी। ऐसे में मरीज का इलाज बीच में नहीं छोड़ सकते थे इसलिए मोबाइल फोन की टॉर्च से मरीज का इलाज करते हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 11:38 AM (IST)
Civil Hospital में मरीज को ग्लूकोस लगाने के लिए मोबाइल टाॅर्च से ढ़ूंढनी पड़ी नस  News
Civil Hospital में मरीज को ग्लूकोस लगाने के लिए मोबाइल टाॅर्च से ढ़ूंढनी पड़ी नस News

जालंधर, जेएनएन। सिविल अस्पताल की हॉट लाइन ठंडी पड़ने से शुक्रवार को बिजली की आंखमिचौली जारी रही। इस कारण थोड़ी देर के लिए अस्पताल अंधेरे में डूबा रहा। इस दौरान अस्पताल के स्टाफ को मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करने को मजबूर होना पड़ा। तीन-चार बार बिजली कट लगने से वार्ड अंधेरे में डूबा रहा। इमरजेंसी वार्ड में गंभीर हालत में आए बुजुर्ग को सेहत सेवाएं मुहैया करवाने में नर्सिंग स्टाफ को खासी परेशानी हुई।

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नर्सिंग स्टाफ ने मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर मरीज की नस ढूंढ़कर ग्लूकोज लगाया। स्टाफ का कहना है कि जब तक जेनरेटर चलता था, तब तक लाइट आ जाती थी। ऐसे में मरीज का इलाज बीच में नहीं छोड़ सकते थे इसलिए मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर मरीज का इलाज किया गया। स्टाफ ने अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में बिजली कट की समस्या से निजात पाने के लिए बैटरी बैकअप रखने की मांग की है।

सिविल अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. चन्नजीव सिंह का कहना है कि हॉट लाइन में खराबी की वजह से दिन में तीन-चार बार थोड़े थोड़े समय के लिए बिजली कट लगे थे। जब जेनरेटर चलता था तो लाइट आ जाती थी। लंबे समय से बिजली समस्या से परेशानी नहीं आई। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में बिजली बैकअप की जरूरत को पूरा करने के लिए पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन को पत्र लिखा जाएगा।

तीन मुलाजिमों के कंधों पर अस्पताल की बिजली का बोझ

पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के राज्य के सबसे बड़े 550 बेड की क्षमता वाले सिविल अस्पताल में बिजली व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए तीन मुलाजिमों के कंधों पर बोझ है। इनमें विभाग की जेई, एक मुलाजिम तथा एक ठेके पर तैनात मुलाजिम शामिल है। अस्पताल में कुल 400 एम्पीयर का लोड है। बिजली गुल होने पर मुख्य इमारत के लिए 200-200 केवी के दो, शवगृह में 25 केवी, नशा छुड़ाओ केंद्र में 50 केवी, मदर एंड चाइल्ड सेंटर में में 25 केवी के एक एक जेनरेटर चलते हैं। मुलाजिमों की कमी का खामियाजा बिजली गुल होने पर लोगों को भुगतना पड़ता है।

अस्पताल प्रशासन हॉटलाइन खराबी की नही देता है सूचना

पावरकॉम के डिप्टी चीफ इंजीनियर एएचएस बंसल का कहना है कि सिविल अस्पताल की हॉटलाइन खराब होने की उनके पास कोई सूचना नही है। अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को खराबी होने पर उन्हें सूचित करना चाहिए, समस्या का समाधान तुरंत प्रभाव से करवाया जाएगा। उन्होंने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।

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