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जीएसटी स्लैब में न मिली राहत, न ही आरएंडडी सेंटर की बात

कमल किशोर जालंधर केन्द्र सरकार ने बजट पेश कर किया है। हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ बजट में रखा गया है। इस बजट से राज्य की स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री में निराशा पाई जा रही है। विश्व भर में खेल उत्पाद करने वाली खेल इंडस्ट्री के हाथों में कुछ नहीं लगा है। बजट में न ही देश में नए स्टेडियम बनाने की बात कही गई है न शहरों में। जीएसटी में कोई रिलीफ नहीं दिया गया है। न ही स्कूलों में स्

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 10:07 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 06:05 AM (IST)
जीएसटी स्लैब में न मिली राहत, न ही आरएंडडी सेंटर की बात
जीएसटी स्लैब में न मिली राहत, न ही आरएंडडी सेंटर की बात

कमल किशोर, जालंधर

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केन्द्र सरकार ने बजट पेश कर किया है। हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ बजट में रखा गया है। इस बजट से राज्य की स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री में निराशा पाई जा रही है। विश्व भर में खेल उत्पाद करने वाली खेल इंडस्ट्री के हाथों में कुछ नहीं लगा है। बजट में न ही देश में नए स्टेडियम बनाने की बात कही गई है, न शहरों में। जीएसटी में कोई रिलीफ नहीं दिया गया है। न ही स्कूलों में स्पो‌र्ट्स विषय लाजमी किया गया है। राज्य में आरएंडडी ( रिसर्च एंड डवलपमेंट) सेंटर खोलने की मांग को कई बार केन्द्र सरकार के समक्ष उठा चुके थे। सेंटर खोले जाने संबंधी कोई बात नहीं की गई है। स्किल डवलपमेंट सेंटर खोलने की बात बजट में शामिल नहीं की है। उद्यमियों का कहना है कि बजट में खेल इंडस्ट्री के लिए कुछ नहीं रखा गया है।

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खेलों इंडिया में लोक इंडस्ट्री के लिए उत्पाद का प्रयोग नहीं

विद्यार्थियों को खेलों से जोड़ने के लिए खेलों इंडिया शुरु की गई। देश से तैयार होने वाले खेल उत्पाद को दरकिनार करते हुए खेलों इंडिया विदेशी कंपनियों के उत्पाद का प्रयोग किया गया। सरकार ने अपने ही उपत्पाद को खेलों में नजरअंदाज कर इंडस्ट्री में निराशा पैदा कर दी है।

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राज्य की इंडस्ट्री कर रही है 1000 करोड़ का कारोबार

राज्य के खेल इंडस्ट्री में कुल 700 यूनिट है। एक हजार करोड़ रुपए का कारोबार करती है। खेल उत्पाद पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी की स्लैब को कम की उम्मीद बजट से लगाई जा रही थी। इसी के साथ रॉ मैटीरियल पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 से 20 प्रतिशत लग रही है। बजट से उम्मीद थी कि पांच प्रतिशत स्लैब हो जाएगा। सरकार ने फिनिश गुड्स पर एक्साइज ड्यूटी कम की है जबकि रॉ मैटीरियल में कम नहीं की है।

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फोट:214जेपीजी

स्पार्टन कंपनी के एमडी ज्योति प्रकाश ने कहा कि बजट में खेल इंडस्ट्री के लिए अलग से पैकेज नहीं रखा गया है। खेल इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने वाला बजट नहीं है। जीएसटी स्लैब कम करने व आरएंडडी सेंटर खोले जाने संबंधी कोई बात नहीं कही गई।

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फोटो:215जेपीजी

बीडीएम कंपनी के एमडी राकेश महाजन ने कहा कि बजट में राज्य व शहरों में नए स्टेडियम बनाने संबंधी कोई बात नहीं की गई। न ही स्कूलों में स्पो‌र्ट्स अनिवार्य करने की बात कही है। जीएसटी स्लैब को भी कम नहीं किया गया है।

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फोटो:216जेपीजी

फिलिप इंटरनेशनल इंडस्ट्री के एमडी सुमित शर्मा ने कहा कि रॉ मैटीरियल पर इंपोर्ट ड्यूटी कम होने की उम्मीद बजट से थी। ड्यूटी कम होती तो इंडस्ट्री उत्पाद की मेनूफैक्चरिग अधिक करती। लोगों को अधिक रोजगार मिलता। बजट ने खेल इंडस्ट्री को निराश किया है।

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रक्षक स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री के एमडी संजय कोहली ने बताया कि राज्य इंडस्ट्री आरएंडडी सेंटर व स्किल डवलपमेंट सेंटर खोले जाने की डिमांड कई वर्षो से कर रही थी। केन्द्रीय बजट से सेंटर खोले जाने की उम्मीद लगा रखी थी। बजट में खेलों के लिए अलग पैकेज नहीं होगा तो इंडस्ट्री सरवाइव कैसे करेगी।


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