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आमदन रोजाना 4 लाख लेकिन सुविधाएं शून्य

नामी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी में मार्केट फीस के रूप में रोजाना औसत चार लाख रुपये की आमदनी होती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 08:59 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 03:08 AM (IST)
आमदन रोजाना 4 लाख लेकिन सुविधाएं शून्य
आमदन रोजाना 4 लाख लेकिन सुविधाएं शून्य

शाम सहगल, जालंधर

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नामी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी में मार्केट फीस के रूप में रोजाना औसत चार लाख रुपये की आमदनी होती है। जहां पर रोजाना पंजाब के अलावा देश भर के कई राज्यों से फसल की आमद व निकासी होती है। यहां आने वाले कारोबारियों व आढ़तियों को रोजाना कई तरह की समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। इनमें से मुख्य समस्या है मंडी में ट्रैफिक समस्या, कूड़े के ढेर और बदहाल सीवरजे व्यवस्था। मंडी में चरमराई सीवरेज व्यवस्था के कारण थोड़ी बारिश होने पर ही पानी सड़कों पर आ जाता है।

दरअसल, 90 के दशक में पटेल चौक स्थित पुरानी सब्जी मंडी को मकसूदां में शिफ्ट किया गया था। समय के साथ मंडी में कारोबार का दायरा 28 वर्षो में कई गुना बढ़ गया। जबकि मंडी में सुविधाओं के नाम पर आज भी लोगों को कूड़े के ढेर, ट्रैफिक जाम तथा जानवरों के झूंडों जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इस समय मंडी के बीच में बने फड़ के चारों तरफ कूड़े के ढेर लगे हैं, जिनके पास लावारिस जानवर घूमते रहते हैं। जब ये जानवर आपस में भी भिड़ते हैं तो कई बार आसपास से गुजर रहे लोग भी चोटिल हो जाते हैं। मंडी में सफाई सबसे जरूरी

इस संबंध में होलसेल फल विक्रेता विक्की बलूजा बताते हैं कि मंडी की खूबसूरती के लिए सफाई व्यवस्था का सुचारू होना जरूरी है। मंडी में सफाई होने से ही कई बीमारियों से बचा जा सकता है।

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गंदगी के ढेर हटें तो लावारिस जानवरों से मिलेगी मुक्ति

आढ़ती अशोक कुमार दुआ बताते हैं कि मंडी से गंदगी खत्म होने से आवारा जानवरों से भी राहत मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि गंदगी के कारण बरसात के दिनों में मच्छर पैदा होते हैं। अगर मंडी में सफाई निरंतर होगी तो मक्खी-मच्छरों से भी राहत मिल सकती है।

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नया काट्रैक्ट देने को लेकर मांगे आवेदन

जिला मंडी अधिकारी व¨रदर खेड़ा बताते हैं कि मंडी में सफाई को लेकर बोर्ड ने टेंडर निकाले हैं। जिसके ऑनलाइन आवेदन आ रहे हैं। इस बार कांट्रैक्टर को कूड़ा मंडी से बाहर ले जाने व डस्टबीन लगाने को कहा गया है। जिसके चलते कुछ देरी हुई है। फिलहाल पहले वाला कांट्रैक्टर ही काम कर रहा है। मंडी में सफाई बोली के बाद शुरू होती है। इसके बाद गंदगी फैलने की संभावना नहीं रहती।


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