सड़क पर मुसीबत में हैं तो एक बटन दबाते ही मदद के लिए पहुंचेगी पुलिस, ऐसे काम करेगा पूरा सिस्टम
जालंधर में सेफ्टी एंड सिक्योरिटी प्रोजेक्ट के तहत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में इमरजेंसी काल बाक्स महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। यह सड़क पर 24 घंटे लोगों की मदद में महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके तहत टू वे कान्फ्रेंसिंग होगी।
जालंधर, जेएनएन। अगर आप शहर में किसी मुसीबत में घिर जाते हैं तो एक बटन दबाने पर पुलिस आपकी मदद के लिए पहुंचेगी। बटन दबाते ही सीधा पुलिस से संपर्क होगा। आपकी लोकेशन भी पुलिस के पास पहुंच जाएगी और तुरंत इमरजेंसी रिस्पांस टीम मदद के लिए रवाना हो जाएगी।
स्मार्ट सिटी के सेफ्टी एंड सिक्योरिटी प्रोजेक्ट के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में इमरजेंसी काल बाक्स महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। यह सड़क पर 24 घंटे लोगों की मदद में महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके तहत टू वे कान्फ्रेंसिंग होगी। शहर में कई जगह कैमरों से लैस माइक्रोफोन और स्पीकर लगाए जाएंगे। अगर कोई व्यक्ति आपात स्थिति का सामना करता है तो वह काल बाक्स की मदद से पुलिस या कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सीधा संपर्क में आ सकता है।
टू वे सिस्टम के तहत मदद के लिए व्यक्ति को सिर्फ एक बटन दबाना होगा और तुरंत काल संबंधित एरिया के थाना और जालंधर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में जाएगी। यही नहीं काल करने वाले व्यक्ति की वीडियो भी कमांड कंट्रोल सेंटर की वीडियो वाल पर नजर आएगी। हर काल बाक्स की लोकेशन पहले से ही थाना और कंट्रोल सेंटर में दर्ज रहेगी जिससे उसी समय पता लग जाएगा कि व्यक्ति कहां पर है। व्यक्ति सीधा थाना या कंट्रोल रुम में बात कर सकेगा। इसके लिए एक अलर्ट इमरजेंसी रिस्पांस टीम को भी तैयार किया जाएगा जो मदद के लिए तुरंत निकल पड़ेगी।
तीन शहरों में एक साथ शुरू होगा प्रोजेक्ट
इंटेग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के 250 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया है। तीन शहरों जालंधर, अमृतसर और सुल्तानपुर लोधी में कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट एक साथ शुरू होगा। अकेले जालंधर में 1250 कैमरे लगाए जाने हैं। इस प्रोजेक्ट पर दो तीन महीने में काम शुरू हो सकता है।
इमरजेंसी काल बाक्स को एप से भी जोड़ने की योजना
इमरजेंसी काल बाक्स कंपोनेंट को लोगों का मददगार बनाने के लिए मोबाइल एप से भी जोड़ने की योजना है। मोबाइल में एप डाउनलोड करके कोई भी व्यक्ति मुसीबत के समय पुलिस से मदद ले सकेगा। चूंकि मोबाइल एप एक्टिव रहेगा तो पुलिस को मदद मांगने वाले व्यक्ति की लोकेशन का भी पता चलता रहेगा। एप के जरिए क्षेत्रीय थाना या कंट्रोल रुम को सीधा अलर्ट जा सकेगा। व्यक्ति अपनी वीडियो बनाकर भी एप के जरिए कंट्रोल रुम में भेज सकेगा।
पब्लिक अनाऊंसमेंट सिस्टम भी विकसित होगा
इंटेग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत ही पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी विकसित किया जाना है। लोगों तक जरूरी संदेश पहुंचाने के लिए प्रमुख चौराहों, चौक, बाजारों में आडियो सिस्टम लगाया जाएगा। इसके तहत पुलिस और प्रशासन शहर से जरूरी जुड़ी जरूरी सूचनाओं की घोषणा कर सकेंगे। इसके लिए लोकेशन तय की जा रही हैं। आपात स्थिति में पुलिस इन्हीं जगह से शहर के लिए प्रमुख घोषणा करेंगे और लोगों की जागृति के लिए बनाई गई योजनाओं की भी जानकारी दे सकेंगे।