अमृतसर में पंजाब पुलिस के पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह को श्री हरमंदिर साहिब के बाहर किया सम्मानित
पंजाब पुलिस के पूर्व आइजी व बेअदबी मामले की जांच करने वाले अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को शुुक्रवार को श्री हरमंदिर साहिब के बाहर अलग-अलग सिख व पंथक संगठनों की ओर से गोल्ड मेडल व सिरोपा देकर सम्मानित किया गया।
अमृतसर, जेएनएन। पंजाब पुलिस के पूर्व आइजी व बेअदबी मामले की जांच करने वाले अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को शुुक्रवार को श्री हरमंदिर साहिब के बाहर अलग-अलग सिख व पंथक संगठनों की ओर से सम्मानित किया गया। इस दौरान हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बाबा बलजीत सिंह दूदोवाल के नेतृत्व में अलग-अलग संगठनों की ओर से गोल्ड मेडल व सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। पंथक संगठनों के नेताओं ने कहा कि कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पूरी इमानदारी के साथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले की जांच की है परंतु पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और इस मामले में दोषियों ने आपस में हाथ मिला लिए है, जिस कारण इस जांच को एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश के तहत अदालत से रद करवा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष है और जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी, जिसको राजनीति के तहत बंद किया गया और दोषियों को खुले घूमने की इजाजत दे दी गई। इस अवसर पर कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि उसने पूरी निष्पक्षता से जांच की है, उसकी जांच रिपोर्ट में जो तथ्य हैं, वह बिल्कुल सच है। वाहेगुरु ने ही उनसे निष्पक्ष जांच करवाई है वह भविष्य में भी सच के ऊपर पहरा देते रहेंगे और पंजाब व पंजाबियों के हकों के लिए आवाज उठाते रहेंगे।
बंदी सिख रिहाई मोर्चा ने कुंवर विजय प्रताप को सम्मानित करने वाले संगठनों के खिलाफ किया प्रदर्शन
बंदी सिख रिहाई मोर्चा के कार्यकर्ताओं की ओर से कुंवर विजय प्रताप और उसको सम्मानित करने वाले संगठनों के खिलाफ काले झंडे उठाकर रोष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कुंवर विजय प्रताप को सम्मानित किया जाना गलत है क्योंकि बरगाड़ी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों को कुंवर विजय प्रताप ने क्लीन चिट दी है, इसलिए उसे किसी भी तरह सम्मानित नहीं किया जाना चाहिए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कुंवर के सम्मान समारोह से दूर ही रोक लिया जब कुंवर विजय प्रताप को सम्मानित किया जा चुका था। उसके बाद प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम से दूर जाकर कुंवर को सम्मानित करने वालों का पुतला जलाने की इजाजत दी गई।