जस्टिस गुरनाम सिंह कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक करने को विधायकों से मिले सिख संगठन
1986 में नकोदर में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का विरोध करते शहीद हुए चार युवकों की मौत की जांच को बने जस्टिस गुरनाम सिंह कमीशन की रिपोर्ट 33 वर्षों बाद भी सार्वजनिक नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। चार फरवरी 1986 में नकोदर में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का विरोध के दौरान शहीद हुए चार सिख नौजवानों की जांच के लिए बने जस्टिस गुरनाम सिंह कमीशन की रिपोर्ट 33 वर्षों के बाद भी सार्वजनिक नहीं हुई है। इस मामले को लेकर सोमवार को सिख संगठनों ने स्थानीय विधायकों को मांगपत्र देकर इसे सार्वजनिक करने के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सिख तालमेल कमेटी के प्रमुख तेजिंदर परदेसी व हरप्रीत सिंह नीटू व गुरजीत सिंह सतनामिया ने विधायक राजिंदर बेरी तथा विधायक बावा हैनरी को मांगपत्र देते हुए कहा कि 33 साल के बाद भी शहीदों को इंसाफ तथा सिखों की मांग को दरकिनार किया जा रहा है। यही नहीं 2007 में भी डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज के लिबास में सार्वजनिक रूप से प्रचार करने के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया गया था। इस मामले में भी दोष साबित होने के बाद भी बनती धाराओं के मुताबिक मामला दर्ज नहीं किया गया। इसे लेकर विश्व भर में बसे सिखों में भारी रोष है।
विधायकों ने विश्वास दिलाया की उनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखकर हल करवाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस मौके जतिंदरपाल सिंह मझैल, सर्बजीत सिंह कालड़ा और लखवीर सिंह मौजूद थे।