सिविल में खांसी और बुखार की दवा खत्म
तापमान में गिरावट के चलते वायरल बुखार के साथ साथ खांसी व नजला जुकाम के मरीजों की संख्या में तेजी होने लगी है। सिविल अस्पताल में मरीजों को मुफ्त दवाइयां देने के सरकार के दावों की हवा निकलने लगी हैं। अस्पताल में आम बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की किल्लत से मरीज परेशान हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : तापमान में गिरावट के चलते वायरल बुखार के साथ साथ खांसी व नजला जुकाम के मरीजों की संख्या में तेजी होने लगी है। सिविल अस्पताल में मरीजों को मुफ्त दवाइयां देने के सरकार के दावों की हवा निकलने लगी हैं। अस्पताल में आम बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की किल्लत से मरीज परेशान हैं। अस्पताल में मरीजों को खांसी के सिरप, दर्द निवारक व बुखार से निजात दिलाने वाली गोलियां भी नहीं मिल रही हैं।
सिविल अस्पताल में रोजाना 1500 के करीब मरीज ओपीडी में इलाज करवाने आ रहे हैं। इनमें से 60 फीसद बुखार, खांसी और वायरल तथा जोड़ों के दर्द के मरीज हैं। अस्पताल प्रशासन को ड्रग डिपो में जरूरत से कम स्टॉक मिल रहा है और लोकल परचेज करने में अस्पताल प्रशासन विफल साबित हो रहा हैं। मरीजों को मार्केट से दवाइयां खरीदनी पड़ रही है।
अस्पताल में इलाज करवाने के लिए बस्ती शेख से आए राहुल ने बताया कि उसका गला खराब, खांसी व हलका बुखार था। डॉक्टर ने दवाई लिख कर दी परंतु आधा घंटा लाइन में खड़े होने के बाद फार्मेसी से खाली हाथ लौटना पड़ा। बाजार से करीब 135 रुपये की दवा खरीदनी पड़ी। उन्हें सरकारी अस्पताल से इलाज करवाना निजी डाक्टर से भी मंहगा पड़ा। दीवाली के बाद हवा में धूल के कण अटके होने से एलर्जी होने से खांसी की परेशानी से मरीज इलाज करवाने आ रहे हैं। जोड़ दर्द, वायरल व खांसी के मरीजों की संख्या 60 फीसद के करीब रोजाना पहुंच रहे हैं।
- डॉ. कश्मीरी लाल, सिविल अस्पताल
अस्पताल में ज्यादातर दवाइयां स्टॉक में नही हैं। ड्रग डिपो को ऑर्डर दिया है। जल्द ही सप्लाई देने का आश्वासन मिला है। फिलहाल लोकल परचेज में थोड़ी दवाइयां खरीद रहे हैं और जो जल्द ही खत्म हो जाती हैं।
- डॉ. जसमीत कौर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, सिविल अस्पताल।